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इमरान खान को 10 साल जेल की सजा,तोशाखाना केस में 3 साल की सजा काट रहे

नई दिल्ली – पीटीआई नेता और पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एवं उनके बेहद करीबी शाह महमूद कुरैशी को साइफर केस में ऑफिश‍ियल सीक्रेट ऐक्‍ट के तहत 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के जज अब्‍दुल हसनत जुल्‍करनैन ने आज यह फैसला सुनाया है। इमरान खान रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और वहीं पर इस मामले में फैसला सुनाया गया। विशेष अदालत के इस फैसले को इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जो अभी भी चुनाव लड़ने का ख्‍वाब देख रहे थे। माना जा रहा है कि 10 साल जेल की सजा के बाद अब इन दोनों के ही चुनाव लड़ने का रास्‍ता बंद हो गया है।

जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला

इमरान और कुरैशी की मौजूदगी में ही जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला सुनाया। पिछले साल से ही केस की सुनवाई अदियाला जेल में चल रही है। सुनवाई के दौरान जज जुल्करनैन ने PTI नेताओं से कहा कि उनके वकील अदालत में पेश नहीं हुए हैं और उन्हें सरकारी वकील दिए गए हैं।कोर्ट ने यह भी कहा कि कुरैशी और इमरान से धारा 342 के तहत सवाल पूछे गए थे। हालांकि, कुरैशी ने कहा कि उनके वकील मौजूद नहीं हैं तो वे अपना बयान नहीं दर्ज करा सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हैं। ऐसे में करीब 1 हफ्ते पहले आया यह फैसला इमरान के राजनीतिक करियर के लिए खतरनाक हो सकता है।

इमरान खान इस सजा को उच्‍च अदालतों में चुनौती

इमरान खान इस सजा को उच्‍च अदालतों में चुनौती दे सकते हैं लेकिन सेना के साथ चल रहे तनाव की वजह से उन्‍हें राहत मिलने की उम्‍मीद बहुत कम है। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि इमरान खान के वकील पेश नहीं हो रहे हैं और उन्‍हें सरकारी वकील दिया गया है। वहीं पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी ने इस पर सवाल किया कि जब उनके वकील मौजूद नहीं हैं तो वह कैसे अपना बयान दर्ज करा सकते हैं। जेल के अंदर ही यह सुनवाई की गई। चुनाव से ठीक पहले इमरान खान की पार्टी से उसका चुनाव चिन्‍ह बल्‍ला भी ले लिया गया था।

क्या है सिफर केस?

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को सिफर मामले में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। रावलपिंडी की अदियाला जेल में मामले की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला सुनाया है।बता दें कि सिफर केस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। सिफर मामला पहली बार 27 मार्च, 2022 को सामने आया था।सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान ने एक रैली के दौरान कुछ कागजात लहराए थे।उन्होंने दावा किया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय ताकतों द्वारा साजिश रची गई थी।इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने गुप्त जानकारी का निजी इस्तेमाल किया।

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