नई दिल्ली – यूक्रेन पर हमले के बाद बुरी तरह से अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस को चीन ने बड़ा झटका दिया है। रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि चीन ने उसे विमानों के कलपुर्जों को देने से इंकार कर दिया है। रूसी अधिकारी ने कहा कि चीन ने विमानों के कलपुर्जों की मदद नहीं देने का फैसला किया है। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूस को विमानों के कलपुर्जे मिलने में बहुत दिक्कत हो रही है। चीन के इंकार करने के बाद अब रूस को अपने दोस्त भारत से मदद की उम्मीद है।
यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस ने भारत से मदद की अपील की है। एक रिपोर्ट बताती है कि रूस ने भारत से अपील की है कि वह प्रतिबंध से प्रभावित मॉस्को के तेल और गैस क्षेत्र में अपने निवेश को बढ़ाए। रूस एशिया के तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश भारत में रूसी कंपनियों के बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने का इच्छुक है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से रूस की इकॉनमी सबसे गहरे संकट का सामना कर रही है क्योंकि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की वजह से मॉस्को पर गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं। कुछ पश्चिमी देशों ने भारत से यूक्रेन में रूसी कार्रवाइयों की निंदा करने को कहा है कि लेकिन भारत अब तक रूस के खिलाफ बोलने से बचता रहा है।
रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा है कि भारत में रूस के तेल और पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यात 1 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गए हैं, और इस आंकड़े को बढ़ाने के स्पष्ट अवसर हैं। नोवाक ने भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से कहा कि हम रूसी तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय निवेश को और आकर्षित करने और भारत में रूसी कंपनियों के बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने में रुचि रखते हैं।
रूस ने भारत से इस मदद की उम्मीद ऐसे समय पर जताई है जब चीन से तनाव के बीच रूस ने भारत को बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्लाइ की थी। ऐसे में अब भारत पर काफी दबाव रहेगा। हालांकि इससे अमेरिकी प्रतिबंधों का भारत पर भी डर बना रहेगा।