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G7 summit : जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज रवाना होंगे PM मोदी,इटली की पीएम मेलोनी से भी करेंगे मुलाकात

नई दिल्लीः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इटली में होने वाले 50वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. पीएम यहां 15 जून तक रहेंगे. इस दौरान कई महत्वूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने वाली है. तीसरी बार पीएम बनने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर मोदी एक आउटरीच देश के रूप में भाग लेंगे, जो वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज रवाना होंगे PM मोदी

आज प्रधानमंत्री मोदी इटली रवाना हो रहे हैं जहां उन्हें जी-7 की बैठक में हिस्सा लेना है। ख़ास बात ये है कि ये जी-7 की पचासवीं बैठक है। भारत इस बैठक में मेहमान देश के तौर पर शामिल है। वरना जी-7 के सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, इटली, कनाडा, जर्मनी के अलावा एशिया का इकलौता देश जापान है। वैसे दुनिया की बदली हुई आर्थिक हैसियत के बीच ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि ये जी-7 क्यों है- बस सात देशों का समूह ही क्यों।

इन प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा

जलवायु परिवर्तन : अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास के मुद्दों पर शिखर सम्मेलन चर्चा के साथ शुरू होगा, जो वैश्विक दक्षिण और भारत के विकास एजेंडे दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा.

मीडिल ईस्ट और यूक्रेन विवाद : मीडिल ईस्ट और यूक्रेन विवाद का मुद्दा इस चर्चा में हावी रहने की उम्मीद है. इन जटिल जियोपॉलिटिकल चुनौतियों को हल करने के तरीके तलाशेंगे.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : एआई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो भारत के विकास के लिए भी काफी महत्वपूर्ण रहेगा.

वैश्विक चुनौतियां: मोदी विश्व के अन्य नेताओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वैश्विक सहयोग और समस्या के समाधान को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दिखाएंगे.

जियोर्जिया मेलोनी से होगी चर्चा

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ पीएम मोदी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. मार्च 2023 के बाद मेलोनी की यह दूसरी मुलाकात होगी. विदेश सचिव विनय मोहन ने कहा कि चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य के सहयोग के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे. विदेश सचिव ने कहा कि 14 जून को इस शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. जी-7 और आउटरीच देश अपने विचार और दृष्टिकोण साझा करेंगे. इस वर्ष जी-7 की इटली मेजबानी कर रहा है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है. जी7 शिखर सम्मेलन का एजेंडा रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व में संघर्ष, विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ संबंध, जलवायु ऊर्जा संबंध, खाद्य सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर प्रकाश डालता है.

क्या है जी-7

जी-7 प्रमुख औद्योगिक देशों का एक समूह है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जापान, इटली और जर्मनी शामिल हैं। 25 मार्च 1973 को इस संगठन की शुरुआत हुई थी. शुरुआत में रूस भी इस संगठन का हिस्सा था लेकिन बाद में कुछ मतभेदों के बाद रूस को इस समूह से निकाल दिया गया. रूस के साथ रहने पर इस समूह में 8 सदस्य देश थे और इसे जी-8 कहा जाता था. इस संगठन का लक्ष्य मानवाधिकारों की रक्षा करना, कानून बनाए रखना और लगातार विकास करना है.

इन देशों को भी किया है आमंत्रित

जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों,जापान के पीएम फुमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी मौजूद रहेंगे. इटली ने इंडिया के अलावा ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया और संयुक्त राष्ट्र को भी आमंत्रित किया है. यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.

50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से द्व‍िपक्षीय बातचीत भी करेंगे. दोनों नेता संबंधों को नई ऊंचाई पर कैसे ले जाएं, इसके बारे में विस्‍तार से चर्चा करेंगे और आगे के लिए दिशा निर्देश देंगे. पीएम मोदी 14 जून को 50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. विदेश सचिव ने बताया कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है.

विश्व नेताओं के साथ जुड़ने का अवसर होगा

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने नई दिल्‍ली में बताया कि शुक्रवार को होने वाले सम्‍मेलन में भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और ग्‍लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ जुड़ने का अवसर होगा।शिखर सम्मेलन में भारत की यह 11वीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी होगी। प्रधानमंत्री आउटरीच सत्र में शामिल होंगे। सम्मेलन से अलग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी7 देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठके करने की संभावना है।साथ ही पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ भी बैठक करेंगे। विदेश सचिव ने कहा कि भारत स्विट्जरलैंड में होने वाले यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में उचित स्तर पर शामिल होगा।इस महीने स्विट्जरलैंड में आयोजित सम्मेलन में लगभग 90 देश शामिल होंगे। यह यात्रा पीएम मोदी को भारत और वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर शिखर सम्मेलन में उपस्थित अन्य विश्व नेताओं के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी।

द्विपक्षीय बैठकों पर रहेगी भारत की नजर

इटली के अपुलिया में हो रही जी 7 समिट में राष्ट्राध्यक्षों के भविष्य में पद पर कायम रहने को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को नवंबर में चुनाव का सामना करना है। वहीं ऋषि सुनक के ब्रिटेन में 4 जुलाई को भी वोटिंग है, ऐसा माना जा रहा है कि उनकी पार्टी सत्ता गंवा सकती है, हालांकि वो प्रचार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि पार्टी को जीत मिलेगी।ऐसे में जब कुछ अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के लिए ये आखिरी मीटिंग हो सकती है, ऐसे में पीएम और इन नेताओं की द्विपक्षीय बैठक पर भारत की नज़रें बनी रहेंगी।

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