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लाइफस्टाइल

सोना के मामले में नकली हॉलमार्क से बचे

नई दिल्ली – पीला इतना सोना नहीं है। और आजकल नकली हॉलमार्क वाला सोना बाजार में उपलब्ध है। सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए उस पर हॉलमार्क लगाया जाता है। लेकिन आजकल ये हॉलमार्क भी नकली होते हैं। यानी हॉलमार्क वाले सोने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है। नकली हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण पूरे देश में उपभोक्ताओं को बेचे जा रहे हैं। आभूषण उद्योग के बड़े कारोबारियों ने सरकार से कहा है कि नकली हॉलमार्क के बाजार को समाप्त करने के लिए कुछ किया जाना चाहिए और नियमों को कड़ा किए जाने की संभावना है।

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अधिकारियों को पता होना चाहिए कि क्या उच्च सोने के आयात और तस्करी के बीच कोई संबंध है। राजस्व खुफिया निदेशालय के अनुसार, 2021-22 में 500 करोड़ रुपये मूल्य का 833 किलोग्राम तस्करी का सोना जब्त किया गया था। 2020-21 में खाड़ी क्षेत्र से तस्करी में गिरावट देखी गई। हालांकि अब सरकार इस पर काबू पाने के लिए पूरी तैयारी कर रही है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सभी प्रकार के सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी थी। जिसके बाद पूरे देश में नकली हॉलमार्क का प्रचलन बढ़ गया। सूत्रों के मुताबिक, आभूषण बनाने वाला तस्करी का सोना खरीदता है। इस पर अवैध हॉलमार्किंग कर फुटकर बाजार में बेचा जाता है। इस तरह का सोना 200 रुपये से 300 रुपये प्रति ग्राम के भाव से बिकता है। जिससे उपभोक्ताओं का रुझान इसकी ओर अधिक है, जबकि व्यापारियों को परेशानी हो रही है।

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