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लाइफस्टाइल

मर्दानी ताकत बढ़ाने के लिए क्या खाते थे मुगल बादशाह?,जानकर रह जाएंगे हैरान!

नई दिल्लीः भारत में मुगल बादशाहों ने काफी लंबे समय तक राज किया है और इस दौरान मुगल बादशाहों के हरम के भी चर्चा काफी ज्यादा हुआ करते थे. ‌मुगल बादशाहों के हरम में करीब 4000 से ज्यादा दासिया हुआ करती थी जिनके साथ वह अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते थे और जब मर्जी हरम में दाखिल होते थे. ‌लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुगल बादशाह अपने आपको शारीरिक रूप से मजबूत करने के लिए और मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए क्या खाते थे? अगर भी जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा.

अकबर के हरम में थीं 5 हजार औरतें

अकबर की बात करें तो उसके हरम (Dark Secret of Mughal Harem) में 5 हजार खूबसूरत औरतें थीं. उनमें से कई महिलाएं ऐसी थीं, जिनको जबरन तलवार के बल पर हरम में शामिल होने को मजबूर किया गया था. जबकि कई महिलाएं राजस्थान के उन राजपूत राजाओं की बेटी-बहनें थीं, जिनका उन्होंने अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए अकबर के साथ निकाह करवा दिया था. हरम की इन महिलाओं के साथ अकबर अपनी पसंद और समय के अनुसार वक्त गुजारा करता था.

पटियाला किंग के भी थे शाही शौक

केवल अकबर ही नहीं बल्कि हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां, अलाउद्दीन खिलजी समेत सभी सुल्तानों और नवाबों के हरम में महिलाओं की भरमार रहती थी. पटियाला के राजा भूपिंदर सिंह के हरम (Dark Secret of Mughal Harem) में 350 औरतें थीं. वहीं हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान के महल में 86 बेगम रहती थीं. ये सब बादशाह और राजा औरतों के साथ अपने संबंधों के लिए चर्चित रहे.

मर्दाना ताकत बढ़ाने की बेकरारी

अपने इस राजसी शौक को पूरा करने के लिए सुलतान और रजवाड़े ऐसे-ऐसे नुस्खे अपनाते थे, जिससे उनकी मर्दाना ताकत भी बरकरार रहे और बुढ़ापा भी उन पर हावी न हो. कहा जाता है कि अपनी कामशक्ति बरकरार रखने के लिए अवध का नवाब वाजिद अली शाह सोने की अशर्फी से स्वर्णभस्म तैयार करवाता था. माना जाता था कि ऐसा करने से न केवल खाने का स्वाद बढ़ता था बल्कि नवाब की मर्दाना ताकत में भी बढ़ोतरी होती थी.

खाते थे उल्टी-सीधी चीजें

मुगलों की बात करें तो कई बादशाह अपने मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए उबले हुए गोश्त और पान में भस्म मिलाकर खाते थे. वहीं कुछ बादशाह जंगली खरगोश, काले हिरण की नाभि पकाकर खाते थे. इस उपाय से फायदा कितना हुआ, यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन इसकी वजह से रजवाड़ों को कई साइड इफेक्ट जरूर देखने पड़ गए. शारीरिक ताकत बढ़ाने वाली दवाओं की वजह से कई सुलतानों में प्रोस्टेट ग्रंथि के लक्षण नजर आए.

पटियाला के महाराज भी नहीं थे पीछे

वे कई आयुर्वेद और यूनानी नुस्खों का भी इस्तेमाल करते थे. कहा जाता है कि पटियाला के महाराज अपने हरम की महिलाओं से यौन संबंध बनाने के लिए कभी शक्ति वर्धक दवाएं खाते थे तो कभी तीतर-बटेर खाते थे. उनके भोजन में गोश्त के साथ सूखे मेवे शामिल किए जाते थे. साथ ही खजूर, लहसुन, अदरक और प्याज भी खाते थे. कहते हैं कि गर्म तासीर वाली चीजें उनकी मर्दाना ताकत को बढ़ाती थीं.

शारीरिक ताकत बढ़ाने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन करते थे मुगल बादशाह

मुगल बादशाहों के हरम में लगभग 4000 से ज्यादा दासियां थी जो बेहद खूबसूरत हुआ करती थी और यही दासिया मुगल बादशाहों की हर जरूरत को भी पूरा करती थी और उनकी खिदमत में हमेशा पेश रहती थी. मुगल बादशाहों को शारीरिक रूप से काफी चुस्त-दुरुस्त देखा जाता था और जब इस बात का पता लगाया गया कि शारीरिक ताकत बढ़ाने एवं शारीरिक रूप से स्वास्थ्य देखने के लिए मुगल बादशाह क्या खाते थे तो यह जानकारी मिली कि मुगल बादशाहों के भोजन में सबसे ज्यादा गर्म तासीर एवं मांसाहारी खाद्य पदार्थ की शामिल होता था. ‌

ड्राई फ्रूट्स का करते थे सेवन

मुगल बादशाह अपने आप को शारीरिक रूप से तंदुरुस्त रखने के लिए काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता और सौंफ का सेवन किया करते थे.

शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए जड़ी बूटी युक्त पान का सेवन

मुगल बादशाह शारीरिक ताकत को बढ़ाने के लिए विशेष प्रकार के पान का सेवन किया करते थे जिसमें हरताल एवं वर्किया जैसे जड़ी बूटी शामिल हुआ करती थी जो शरीर को मजबूत करने एवं मर्दाना ताकत बढ़ाने में मदद करती थी. ‌

मुगल बादशाह का पहला पसंद था जंगली खरगोश

मुगल बादशाहों के शारीरिक भोजन में सबसे मुख्य भोजन जंगली खरगोश का मांस हुआ करता था क्योंकि इसके सेवन से मुगल बादशाहों को शारीरिक ताकत मिलती थी.

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