नई दिल्ली – आज के समय में बुजुर्ग ही नहीं युवा और बच्चे भी आंखों की रोशनी कम होने से परेशान हैं. छोटी सी उम्र में ही आंखों पर मोटा चश्मा लग जाता है. इसकी वजह घंटों मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन देखने के साथ ही पोषक तत्वों की कमी होना है. बच्चों को पढ़ने से लेकर दूसरे कामों को करने में दिक्कत होती है. यह समस्या उनके साथ ही दूसरे मां बापों की चिंता को बढ़ा देता है. हर कोई सोचता है कि उनके बच्चा स्वस्थ रहें और आंखों पर कभी चश्मा लगाने की जरूरत न पड़े, लेकिन इसके लिए क्या करें और क्या न करें. इस संबंध बहुत ही कम लोग जानते हैं. अगर आप भी बच्चों की आंखों की रोशनी को लेकर परेशान हैं तो उनकी डाइट में कुछ फूड्स को शामिल कर दें.
आजकल बच्चों की लाइफ में भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और उपकरणों का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है जिसका सीधा असर उनकी आंखों पर पड़ रहा है। डायट में कुछ स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल कर बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है।अब टीवी, कंप्यूटर और मोबाइल पर गेम खेलने की वजह से कम उम्र में ही बच्चों की आंखें खराब होने लगी हैं। छोटे बच्चों के ही चश्मा लग जाता है जो कि चिंता का विषय है। इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स के कारण बच्चों में आंखों से संबंधित समस्याओं का खतरा काफी बढ़ गया है।
कैरोटीनोइड के एंटी ऑक्सीडेटिव गुण आंखों को फ्री रेडिकल्स से दूर रख सकते हैं। विटामिन ए युक्त हरी पत्तेदार सब्जियों में कैरोटीनोइड सबसे अधिक पाए जाते हैं। इनमें अन्य विटामिन और खनिज पदार्थ जैसे कि कैल्शियम, विटामिन सी और विटामिन बी12 भी होता है।अपने बच्चे के आहार में ब्रोकली, केल और पालक को शामिल करें। पालक में ल्यूटिन और जीएक्सेंथिन होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।गाजर और शकरकंदी,अंडे ,सेब और आम,ड्राई फ्रूट्स और बीज ,दालें, सूखे मेवे और बीज,सिट्रस और पीले रंग के फल,एवोकाडो, सूखे मेवे, बादाम और बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनमें आंखों के लिए सबसे फायदेमंर विटामिन ई पाया जाता है. हर दिन बच्चों को नट्स और बीज का सेवन करना फायदेमंद होता है. इनमें पीनट बटर से लेकर मूंगफली या हेजलनट भी शामिल कर सकते हैं.हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें