अमेरिका में घट गईं ब्याज दरें,कटौती का भारत पर असर कम रहेगा
नई दिल्ली – मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती के कदम का भारत पर असर कम ही होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार पहले से ही निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। कुल मिलाकर ब्याज दरों में कटौती उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक है।नागेश्वरन ने डेलॉयट के ‘गवर्नमेंट समिट’ 2024 में कहा, ‘‘ भारत पर इसका असर थोड़ा कम होगा… इसका अधिकतर हिस्सा (दर कटौती) मूल्य आधारित होगा।’’ गौरतलब है कि अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने संघीय निधि दर लक्ष्य सीमा को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.25-5.50 प्रतिशत से 4.75-5.00 प्रतिशत करने के लिए मतदान किया, जबकि इससे आधी कटौती की अपेक्षा की गई थी।
फेड रिजर्व की बैठक में इस फैसले के पक्ष में 11 और विरोध में 1 वोट पड़ा।इसके साथ ही अमेरिका में ब्याज दरें 4.75 से 5.00 फीसदी के बीच हो जाएंगी।इसके अलावा फेड रिजर्व ने संकेत दिए कि इस साल के अंत तक आधा फीसदी ब्याज दरें और कम की जा सकती हैं।ब्याज दरें घटाने से कंज्यूमर और बिजनेस को कर्ज लेने में आसानी हो जाएगी. बैंकों को भी अब अपनी ब्याज दरें कम करनी पड़ेंगी।आगे भी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला जारी रह सकता है. उनका मानना है कि इस साल के अंत तक आधा फीसदी, साल 2025 में एक फीसदी और 2026 में आधा फीसदी की कटौती के साथ ही फेड रिजर्व देश में ब्याज दरों को 2.75 से 3.0 फीसदी के आसपास रखेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कटौती का फैसला करेगा।सेठ ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह भारतीय अर्थव्यवस्था सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। यह उच्च स्तर से 50 आधार अंकों की कटौती है। मुझे नहीं लगता कि इससे निवेश पर कोई खास असर पड़ेगा। हमें यह देखना होगा कि (अमेरिकी ब्याज दरों का) स्तर कहां हैं। हमें यह भी देखना होगा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बाजार किस तरह का व्यवहार करते हैं।’’