भारत में महिलाएं का टर्म बीमा खरीद में 80% की वृद्धि
नई दिल्ली – महिलाएं तेजी से अपनी वित्तीय योजना बनाने की जिम्मेदारी ले रही हैं.पॉलिसीबाजार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने वाली महिलाओं की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है, जो पिछले दो वर्षों में 80% की वृद्धि है.पॉलिसीबाजार के टर्म इंश्योरेंस प्रमुख ऋषभ गर्ग ने कहा, “यह देखना उत्साहवर्धक है कि महिलाएं टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदकर अपनी वित्तीय योजना की जिम्मेदारी ले रही हैं.पिछले दो वर्षों में उच्च कवर योजनाओं की खरीद में 120% की वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि अधिक महिलाएं न केवल बीमा खरीद रही हैं, बल्कि उच्च कवरेज राशि वाली योजनाएं भी चुन रही हैं.
महिलाओं के द्वारा टर्म इंश्योरेंस खरीदने में तेजी आने का सबसे प्रमुख कारण है परिवार के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करने में उनकी सबसे अहम भूमिका. महिलाएं चाहे हाउस मेकर हों या कामकाजी, हर स्थिति में अपने परिवार के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग में उनकी केंद्रीय भूमिका रहती है. खासकर कामकाजी महिलाएं घर से लेकर बाहर तक अपने परिवार का ख्याल रख रही होती हैं. आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीदारी में सबसे ज्यादा हिस्सा कामकाजी महिलाओं का ही है. ये महिलाएं 55-60 फीसदी पॉलिसी खरीद रही हैं.
कामकाजी महिलाओं और गृहिणियों दोनों ने अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है. वेतनभोगी और स्वरोजगार वाली महिलाओं सहित कामकाजी महिलाओं ने इस मामले में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो टर्म बीमा खरीद में 55-60% की हिस्सेदारी रखती हैं.दूसरी ओर, गृहिणियों ने लगभग 40% का योगदान दिया, जो दर्शाता है कि वित्तीय नियोजन अब केवल आय अर्जित करने वालों के लिए नहीं रह गया है.टर्म इंश्योरेंस मार्केट में कामकाजी महिलाओं का दबदबा रहा, लेकिन गृहिणियां भी पीछे नहीं रहीं.चूंकि गृहिणियों के लिए टर्म इंश्योरेंस की शुरुआत तीन साल पहले ही हुई थी, इसलिए ऐसी पॉलिसियों को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति ने वित्तीय सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और भागीदारी को उजागर किया.
पॉलिसीबाजार में टर्म इंश्योरेंस के प्रमुख ऋषभ गर्ग इन आंकड़ों को उत्साहजनक बताते हैं. हालांकि साथ में वह सुझाव देते हैं कि महिलाओं को उचित कवर राशि के साथ क्रिटिकल इलनेस के लिए राइडर भी लेना चाहिए. विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों ने महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने क्रिटिकल इलनेस राइडर में ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर और सर्वाइकल कैंसर को भी शामिल किया है. कई इंश्योरेंस कंपनियां अब महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हेल्थ मैनेजमेंट सर्विस भी प्रदान कर रही हैं. उनमें सालाना 36,500 रुपये तक के लाभ शामिल हैं, जो टेली-ओपीडी परामर्श और डायबिटिज, थायराइड, लिपिड प्रोफाइल, कैल्शियम सीरम और ब्लड टेस्ट जैसी सर्विस कवर करते हैं.