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भारत

डॉ. भीमराव आंबेडकर को देश के बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली – भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर (Bhim Rao Ambedkar) का महापरिनिर्वाण दिवस है. इस मौके पर तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, ओम बिरला, राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने उन्हें याद किया. संसद भवन में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया.

पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि ‘महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं. उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी और भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी नहीं भुलाया जा सकता है.’ जबकि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस सांसदों ने भी आज संसद में डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आज भाजपा मुख्यालय में डॉ बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि दी. कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस सांसदों ने भी आज संसद में डॉ बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

14 अप्रैल, 1891 को जन्में बाबासाहेब अम्बेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिलाओं के अधिकारों और श्रमिकों का समर्थन किया. 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया. 1990 में डॉ.अम्बेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. डॉ. अंबेडकर की आज 66वीं पुण्यतिथि है. संविधान निर्माण के काम में सबसे बड़ी भूमिका निभाने से पहले ही डॉ. अम्बेडकर ने मजदूरों और महिलाओं के हितों के लिए कई जरूरी सुधार करने का काम किया था. उन्होंने ही देश में लागू 14 घंटे के वर्किंग डे को 8 घंटे का करने का काम किया था. डॉ. अम्बेडकर ने महिला श्रमिकों को मातृत्व लाभ देने, बाल मजदूरों की सुरक्षा की दिशा में भी काम किया.

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