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राजनीति

मणिपुर की घटना पर भड़कीं ममता बनर्जी,PM MODI पर साधा निशाना

नई दिल्लीः मणिपुर की घटना को लेकर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और बीजेपी को घेरा, उन्होंने विपक्षी दलों के तमाम मुख्यमंत्रियों को मणिपुर पहुंचने की अपील की.मणिपुर हिंसा में महिलाओं को नग्न कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. इस मुद्दे पर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा चल रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा है. ममता ने पूछा है कि अब ‘बेटी बचाओ’ के नारे का क्या हो रहा है.उन्होंने कहा कि आप बंगाल में हिंसा को लेकर सवाल उठाते हैं, लेकिन आज पूरा देश जल रहा है.

मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, “मैं पीएम मोदी से पूछना चाहती हूं कि क्या मणिपुर की घटना से आपको थोड़ा भी दुख नहीं हुआ? आप पश्चिम बंगाल पर उंगली उठाते हैं लेकिन क्या आपको बहनों और माताओं से प्यार नहीं है? कब तक बेटियां जलाई जाएंगी, दलित, अल्पसंख्यक मारे जाएंगे, लोग मारे जाएंगे? हम मणिपुर नहीं छोड़ेंगे, उत्तर पूर्वी बहनें हमारी बहनें हैं.”इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी हर चीज को पुलवामा जैसा नाटक बनाती है. भाजपा के लोग इंसानों की हत्या करने वाले व्यापारी हैं. कौवे के रोने पर भी बीजेपी सांसदों की टीम भेजती है. आप विदेश चले जाते हैं, लेकिन देश की जनता की आवाज आपको सुनाई नहीं देती. आप दंगा करना चाहते हैं, राज्य को तोड़ने की कोशिश करें. क्या आपने कभी सोचा है कि टमाटर की कीमत क्या है और महंगाई कितनी है?

ममता ने आगे कहा- बिलकिस बानो के मामले में आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। पहलवानों के मामले में (बृजभूषण शरण सिंह) जमानत दे दी गई। देश की महिलाएं आने वाले चुनाव में आपको देश की राजनीति से बाहर कर देंगी।महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई (बुधवार) को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले जा रहे हैं और उनसे अश्लील हरकतें कर रहे हैं। महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर हम बहुत परेशान हुए हैं। हम सरकार को वक्त देते हैं कि वो कदम उठाए। अगर वहां कुछ नहीं हुआ तो हम कदम उठाएंगे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।

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