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Gold Reserves: RBI ने 4 महीने में खरीदा 24 टन सोना

नई दिल्ली – सोना खरीदना सबको पसंद है, क्योंकि यह ऐसी कीमती धातु है जो मुसीबत में बड़े काम आती है. जब भी दुनिया में जियो-पॉलिटिकल तनाव बढ़ता है और शेयर बाजार में गिरावट आती है तो निवेशक, सोने की ओर भागते हैं. सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि सरकार भी गोल्ड खरीदने लगती है. भू-राजनीतिक तनाव के बीच अस्थिरता से बचाव के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल जनवरी से अप्रैल तक 4 महीनों में अपने गोल्ड रिजर्व (सोने का भंडार) में 24 टन गोल्ड जोड़ा है.हैरानी की बात है कि रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि गोल्ड की यह मात्रा 2023 में पूरे साल के दौरान खरीदे गए गोल्ड का लगभग डेढ़ गुना है. पिछले साल आरबीआई ने अपने गोल्ड रिजर्व में 16 टन सोना जोड़ा था.

आरबीआई ने 2024 में जनवरी से अप्रैल के बीच सोने के भंडार में जितना सोना जमा क‍िया है, वो साल 2023 के पूरे साल में आए सोने से डेढ़ गुना ज्यादा है. साल 2023 में आरबीआई ने अपने भंडार में 16 टन सोना ही जमा क‍िया था. 26 अप्रैल 2024 को जारी आंकड़ों के अनुसार आरबीआई (RBI) के पास विदेशी मुद्रा भंडार के तौर पर 827.69 टन सोना है. भरतीयों के बीच सोने को काफी पसंद क‍िया जाता है. लेक‍िन पहले आरबीआई की तरफ से सोने को ज्‍यादा इकट्ठा नहीं क‍िया जाता था.

भारत सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक रहा है, लेकिन देश का केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को जमा करने में शायद ही कभी इतना सक्रिय रहा हो. साल 1991 में जब देश को विदेशी मुद्रा संकट का सामना करना पड़ा था, तब केंद्रीय बैंक ने अपने सोने के भंडार का एक हिस्सा गिरवी रख दिया था. सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना हुई थी। हालांकि सारा सोना केंद्रीय बैंक के खजाने में वापस आ गया है, लेकिन उसने दिसंबर 2017 से ही बाजार खरीद के जरिए अपने स्टॉक को जोड़ना शुरू किया. 2022 में बैंक ने बाजारों से जमकर सोना खरीदा था. पिछले साल 2023 आरबीआई ने सोने की कम खरीद की लेकिन इस साल फिर वह आक्रामक तरीके से सोना खरीद रहा है.

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