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रिलायंस का ‘इस’ विदेशी कंपनी में निवेश के बाद सोलर एनर्जी में आएंगे कई बदलाव


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नई दिल्ली – रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 12 अक्टूबर को सोलर एनर्जी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था। रिलायंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी सोलर यूनिट रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) ने Stiesdal A/S के साथ पार्टनरशिप की है। Stiesdal A/S डेनमार्क की कंपनी है। यह क्लाइमेट चेंज मिटिगेशन से जुड़ी कमर्शियलाइज टेक्नोलॉजी बनाती है। दोनों कंपनियां मिलकर हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स बनाएंगी। जिससे कई बड़े फ़ायदे होंगे। रिलायंस जर्मनी की नेक्सवेफ (NexWafe) में 2.5 करोड़ यूरो का निवेश करने जा रही है। कंपनी ने डेनमार्क की स्टीसडल के साथ रणनीतिक साझेदारी का भी ऐलान किया।

नेक्सवेफ सेमीकंडक्टर में इस्तेमाल होने वाले मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन वेफर्स बनाती है। सेमीकंडक्टर सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में लगाए जाते है। RNESL नेक्सवेफ के 86,887 सीरीज-सी प्रेफर्ड शेयर 287.73 यूरो प्रति शेयर के हिसाब से खरीदेगी। इसके अलावा RNESL को एक यूरो के हिसाब से 36,201 वारंट भी जारी किए जाएंगे।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा की रिलायंस हमेशा से टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में आगे रहने में विश्वास करती रही है। नेक्सवेफ के साथ हमारी साझेदारी एक बार फिर इस बात की गवाही देती है कि हम भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए सस्ती हरित ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वाकांक्षी मिशन की शुरुआत कर रहे है। नेक्सवेफ में हमारा निवेश, भारत को फोटोवोल्टिक निर्माण में वैश्विक लीडर के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें विश्वास है कि नेक्सवेफ का अभिनव अल्ट्रा-थिन वेफर, सोलर पैनल निर्माताओं और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगा।

RNESL ने कहा कि रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) ने हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स के विकास और निर्माण के लिए स्टीसडल के साथ साझेदारी की है। इस समझौते पर हाल ही में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

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