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सूमी में फंसे 674 लोगों की सुरक्षित स्वदेश वापसी , परिजनों की आंखों से छलके आंसू

नई दिल्ली : युद्धग्रस्त यूक्रेन के पूर्वोत्तर शहर सूमी में फंसे 674 लोगों की शुक्रवार को सुरक्षित स्वदेश हो गई। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। इन छात्रों ने रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती सुनाई कि कैसे उन लोगों ने आसमान से बरसते गोलों के बीच दो हफ्ते डर और दहशत में गुजारे। विदेश मंत्री जयशंकर ने आपरेशन गंगा की सराहना करते हुए कहा कि सूमी से इन छात्रों को निकालना वास्तव में बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम था। इस मसले पर वह संसद के बजट सत्र में वह बयान भी दे सकते हैं।

एयर इंडिया और इंडिगो के दो विमान 461 लोगों को लेकर सुबह 5:45 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरे। वहीं, भारतीय वायु सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान 213 यात्रियों को लेकर दोपहर 12:20 बजे हिंडन एयरबेस पर पहुंचा।
इन तीनों विमानों ने पोलैंड के रेजेजो शहर से उड़ान भरी थी। यूक्रेन में फंसे इन सभी भारतीयों को सूमी से बस और ट्रेन के जरिए पोलैंड लाया गया था। इनकी स्वदेश वापसी के साथ ही माना जा रहा है कि यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए शुरू किया गया आपरेशन गंगा पूरा हो गया है। हालांकि अभी सरकार की तरफ से इसे लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

नई दिल्ली में आईजीआई एयरपोर्ट पर छात्रों को गेट नंबर चार और पांच से बाहर निकाला गया तो वहां का नजारा भावुक कर देने वाला था। हफ्तों से अपने बच्चों का इंतजार कर रहे माता-पिता उन्हें अपने सामने देखकर भावुक हो उठे और उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। कुछ ऐसा ही हाल बच्चों का भी था। इन्होंने एक-दूसरे से गले मिलकर अपनी खुशियों का इजहार किया।

कुछ परिवारों ने हवाईअड्डे पर भारत माता की जय और ‘मोदी है तो मुमकिन है के नारे भी लगाए। मुश्किल में फंसे अपने बच्चों को सुरक्षित लाने के लिए लोगों ने केंद्र सरकार की जमकर सराहना की।

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