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लाइफस्टाइल

सौंफ खाने के फायदे या नुकसान

नई दिल्ली – हमारे देश में खाने के बाद सौंफ खाने की प्रथा बहुत पुरानी है. सौंफ न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि यह हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है. यह पेट की समस्याओं को कम करने, मुंह की दुर्गंध दूर करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है. हालांकि, इसके फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है. आइए जानते हैं कि हैं खाने के बाद सौंफ खाने से क्या फायदे और क्या नुकसान होता है.

सौंफ़ को पाचन के लिए बेहतरीन माना जाता है

सौंफ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है. सौंफ में एस्ट्रैगोल, फेनचोन और एनेथोल जैसे तत्व होते हैं जो शरीर में चयापचय और पाचन प्रक्रिया को तेज करते हैं और गैस्ट्रिक एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं.सौंफ में मौजूद वाष्पशील तेल का प्रभाव ठंडा होता है, जो खाने के बाद आपके पेट में पैदा होने वाली गर्मी को कम करता है.सौंफ में विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और शरीर में फैट को जमा होने से रोकने में मदद करते हैं.सौंफ में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो मुंह से खाने की दुर्गंध को खत्म करने और सांसों की दुर्गंध को रोकने में मदद करते हैं.

सौंफ के साथ जब मिश्री को मिलाकर खाया जाता है

सौंफ के साथ जब मिश्री को मिलाकर खाया जाता है, तो शरीर को एनर्जी मिलती है. इससे व्‍यक्ति के शरीर में थकान और आलस दूर करने मे मदद मिलती है. मिश्री यानी शुगर की बहुत सीमित मात्रा जब सौंफ के साथ शरीर में जाती है तो वह शारीरिक तौर पर शिथिलता का अहसास नहीं होने देती है. भोजन के बाद आलस बहुत ज्‍यादा आता है. ऐसे में सौंफ और मिश्री इसे दूर करने में मदद करती है.

मुंह की दुर्गंध दूर करना

सौंफ एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर का काम करती है. यह मुंह की दुर्गंध को दूर करती है और मुंह को ताजगी देती है.

वजन घटाने में मदद

सौंफ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है. यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में भी सहायक होती है.

एंटीऑक्सीडेंट गुण

सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. इससे त्वचा भी हेल्दी और चमकदार रहती है.

रक्तचाप नियंत्रित करना

सौंफ में पोटैशियम की मात्रा होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है. इससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है.

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