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भारत

जान का खतरा देख कश्मीर छोड़ कर सुरक्षित जगह पर विस्थापित हो रहे है प्रवासी

कश्मीर – कश्मीरी लोगों की हत्या से वहां रहने वाले खौफ के साये में रहने को विवश है। जम्मू में हालत थोड़े सामान्य जरूर है, लेकिन कश्मीर की हालत ठीक नहीं है। हालिया आतंकी घटनाओं में मारे गए गैर कश्मीरी लोगों की हत्या से वहां रहने वाले खौफ के साये में डूब गए है। हर वक्त सर पर मौत मंडराती हुयी दिख रही है।

दूसरे प्रदेशों से वहां काम करने पहुंचे लोग अब पलायन को मजबूर दिख रहे है। रविवार को बिहार के दो प्रवासी मजदूरों की कश्मीर में हत्या के बाद रेलवे स्टेशनों का नजारा बदल गया है। जम्मू रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखने को मिली, जो अपने घर लौटना चाहती है। जम्मू रेलवे स्टेशन के फुटपाथ पर भारी संख्या में लोग बैठे है, सब अपने-अपने घर जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे है।

जम्मू कश्मीर में लक्षित हमलों के कारण वहां से काफी संख्या में लोगों का पलायन शुरू हो चुका है। स्थिति यह है कि वहां से आने वाली ट्रेनों में भी लंबी वेटिंग चल रही है। जम्मूतवी से बक्सर, आरा, पटना, मोकामा, किउल के रास्ते हावड़ा जाने वाली 02332 जम्मूतवी हावड़ा फेस्टिवल स्पेशल में अभी से नवंबर के पहले हफ्ते तक टिकट उपलब्घ नहीं है। इस ट्रेन में 21 अक्टूबर को 318 वेटिंग, 24 अक्टूबर को 236 वेटिंग, 25 अक्टूबर को 252 वेटिंग, 28 अक्टूबर को 257 वेटिंग, 31 अक्टूबर को 281 वेटिंग और एक नवंबर को 308 वेटिंग है। इसी तरह जम्मूतवी से हफ्ते में दो दिन पटना आने वाली 02356 जम्मूतवी पटना फेस्टिवल स्पेशल भी फुल है। इस ट्रेन में आज यानी 20 अक्टूबर को 271 वेटिंग है। 24 अक्टूबर को 225 वेटिंग, 27 को 188 वेटिंग, 31 को 233 वेटिंग, तीन नवंबर को 223 वेटिंग और सात नवंबर को 150 वेटिंग है। दोनों ट्रेनों में वेटिंग की यह सूची शयनयान श्रेणी की है। बाकी श्रेणी में भी सीटें उपलब्घ नहीं है।

अपने हालात बयां करते हुए कुछ मजदूरों की आंखें भी भर आईं। भूख की वजह से वहां मजदूरों के बच्चे रोते-बिलखते दिखे। प्रवासी कामगारों ने कहा कि उनको जान का खतरा है। मजदूरों का कहना है स्थति ऐसी है कि उनके पास कोई जमापूंजी भी नहीं है। कुछ ने आरोप लगाया कि जिस ईंट के भट्टे में वे लोग काम करते थे वहां के मालिक ने उनका बकाया पैसा भी नहीं दिया और उसके बिना ही वे लोग घर लौटने को मजबूर है क्योंकि बात यहां जान पर बन आई है।

रविवार को दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने दो बिहार के रहने वाले मजदूरों की हत्या कर दी। मृतकों की पहचान बिहार के निवासी राजा और जोगिंदर के रूप में हुई है। राजा ऋषिदेव (32) और जोगिंदर ऋषिदेव (34) दोनों अररिया के रहने वाले थे। इनके साथ चुनचुन ऋषिदेव को भी गोली मारी गई थी, लेकिन उनकी जान बच गई। राजा, जोगिंदर और चुनचुन करीब छह महीने पहले कश्मीर गए थे। कश्मीर में बिहार के लोगों पर हुए हमलों पर सीएम नीतीश कुमार ने चिंता जताई थी। उन्होंने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात भी की थी। इसके अलावा मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी।

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