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भारतराजनीति

Lok Sabha Elections 2024 : PM Modi की सभा में ये क्या बोल गए नीतीश कुमार ?-जानें

नई दिल्लीः साल 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान नीतीश कुमार एनडीए में थे. उस चुनाव में एनडीए ने 40 सीटों वाले बिहार में 39 सीटें जीत ली थी. बाद में भले ही नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले उन्होंने महागठबंधन को छोड़ कर एनडीए से हाथ मिला लिया है. वहीं एनडीए ने काफी हद तक वही स्थिति इस बार भी बना दी है, जो 2019 में थी. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या इस बार भी एनडीए बिहार में बड़ी जीत का इतिहास दोहराने जा रहा है.इसका जवाब तो 4 जून को मतगणना के बाद ही मिलेगा.

बिहार में इस बार सभी सात चरणों में लोकसभा के चुनाव

बिहार में इस बार सभी सात चरणों में लोकसभा के चुनाव होने हैं. इसकी शुरूआत 19 अप्रैल से हो जाएगी और आखिरी चरण में एक जून को मतदान होगा. इसके लिए पूरे बिहार में माहौल तैयार है. चुनावी सरगर्मियों जोर पकड़ने लगी हैं. हालांकि अभी भी कई पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा होनी बाकी है. लेकिन जिस प्रकार से विभिन्न दलों के बीच गठबंधन हो रहा है, स्थिति भी काफी हद तक साफ हो चुकी है.

17 सीटों पर लड़ रही है बीजेपी

इस समय एनडीए गठबंधन के तहत बीजेपी 17 सीटों पर, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू 16 सीटों पर, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 5 सीटों पर, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोकमोर्चा एक-एक सीट पर आपस में मिल कर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं दूसरी ओर, महागठबंधन की ओर से लालू यादव की आरजेडी 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसी प्रकार कांग्रेस 9, सीपीआईएमएल 3, सीपीआईएम 1, मुकेश सहनी की वीआईपी 3 और सीपीआई 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है.

11 सीटों पर एआईएमआईएम भी लड़ रही चुनाव

वहीं बिहार लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर बसपा तो 11 सीटों पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी चुनाव लड़ रही है. बता दें कि महागठबंधन के ये सभी घटक दल 2019 के चुनाव में भी एक साथ थे. बावजूद इसके बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटें एनडीए के खाते में चली गई थीं. वहीं शेष बची एक मात्र सीट कांग्रेस पार्टी ने जीतकर महागठबंधन का खाता खोला था. 2019 में बीजेपी 23.58 फीसदी वोट पाकर 17 सीटें जीतने में सफल रही.

सीएम नीतीश का आरजेडी पर हमला

सीएम नीतीश ने आरजेडी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में विकास तेज गति से हो रहा है. 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी? आप शाम के बाद अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते थे. आज आप घूम सकते हैं. पति-पत्नी (लालू यादव और राबड़ी देवी) ने 15 साल तक शासन किया, लेकिन कोई काम नहीं हुआ. अब हिंदू-मुस्लिम भी एक साथ मिलकर एकजुट रहते हैं.

सीएम नीतीश की ने पीएम मोदी की तारीफ

सीएम ने आगे कहा कि पहले अस्पताल में किसी का इलाज नहीं होता था. 2005 से 2020 के बीच 8 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिली है. पहले किसी को बिजली नहीं मिलता था. हमने सारे घर में बिजली पहुंचा दी. जो काम नहीं किया उन्हें वोट मत देना।आगे उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पीएम मोदी यहां हैं. विवेक ठाकुर भारी बहुमत से जीतेंगे. बिहार को पीएम मोदी से बहुत समर्थन मिलता है. बिहार तेजी से विकास कर रहा है. लोगों को याद रखना चाहिए कि 2005 से पहले क्या स्थिति थी. लोग जाने से डरेंगे. देर रात सड़कें बनीं, कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है. केंद्र से हमें विकास के लिए सहयोग भी मिलता है.

पिछली बार 15 फीसदी वोट पर सिमट गई आरजेडी

नीतीश कुमार की जेडीयू को भी 21.81 फीसदी वोटों के साथ 16 सीटें मिली थीं. एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी भी करीब 8 फीसदी वोट हासिल करते हुए 6 सीटें जीतने में सफल रही थी. उधर, महागठबंधन में सबसे ज्यादा 15.36 फीसदी वोट लालू यादव की आरजेडी को मिले थे, लेकिन सीट एक भी नहीं हाथ लगी. वहीं महज 7.7 फीसदी वोट पाने वाली कांग्रेस पार्टी के खाते में एक सीट आ गई. इस चुनाव में महागठबंधन ने कुल 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे.

पीएम मोदी के सामने सीएम नीतीश की जुबान फिसली

सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर मेरा 18वां, जबकि देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी जी का दसवां साल चल रहा है। यह कार्यकाल आगे भी जारी रहेगा। पांच साल तक तो कोई दिक्कत नहीं है। हमें पूरी उम्मीद है कि चार हजार से ज्यादा सांसद रहेंगे इनके पक्ष में।दरअसल नीतीश कुमार कहना चाहते थे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के 400 सौ से अधिक उम्मीदवार जीतकर ससंद पहुंचेंगे। हालांकि उनकी जबान फिसल गई और वह 400 की जगह 4 हजार सांसद होने की बात कह दी।

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