नई दिल्ली – पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक (Pm Security breach) मामले में सोमवार को दिलचस्प मोड सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के 50 से अधिक वकीलों को इंटरनेशनल नंबर से कॉल कर दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के लिए वह जिम्मेदार हैं. फोन करने वालों ने खुद को सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा होने का दावा किया है. दिलचस्प यह है कि सुप्रीम कोर्ट के सभी AOR (Advocate-on-Record) वकीलों को फोन किया गया है.
सिख फॉर जस्टिस का नाम पिछले महीने लुधियाना में हुए बम ब्लॉस्ट में सामने आया था. वहीं बीते गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की तरफ से आयोजित ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के पीछे भी सिख फॉर जस्टिस का हाथ माना जाता है. सिख फॉर जस्टिस का गठन 2007 में अमेरिका में किया गया था. जिसक मुख्य एजेंडा पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान के रूप में मान्यता दिलाना है. इसको लेकर सिख फॉर जस्टिस रेफरडर करने की कोशिश कर चुका है. 2019 में गृह मंत्रालय ने सिख पर जस्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिकी वकील गुरपंतवंत सिंंह पन्नू को सिख फॉर जस्टिस का चेहरा माना जाता है.
सिख फॉर जस्टिस ने फोन कर सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा चूक से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से दूर रहने को कहा गया है. कॉल प्राप्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के AOR ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि उन्हें यूके से एक कॉल आया. जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सिख फॉर जस्टिस का सदस्य होने का दावा किया. AOR ने बताया कि फोन करने वाले ने बताया कि वह पीएम के काफिले को ब्लॉक करने की जिम्मेदारी लेते हैं. AOR ने बताया कि कॉल करने वाले का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट 1984 में सिखों की हत्या के लिए जिम्मेदार एक भी अपराधी नहीं मिला है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को याचिका पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए. सिख फॉर जस्टिस की तरफ से यूनाईटेड किंंगडम के एक नंबर से सुप्रीम कोर्ट के AOR को फोन कॉल किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस के सदस्यों ने फोन नंबर + 447418365564 से सुप्रीम कोर्ट के AOR को कॉल किया है. अभी तक सिख फॉर जस्टिस के सदस्य इस तरह के फोन कॉल पत्रकारों को करते रहे हैं.