x
लाइफस्टाइल

कभी अपने सोचा है महिलाएं अक्सर सेक्स के बारे में क्यों सोचती है?


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

मुंबई – सेक्स किसी भी व्यक्ति की सबसे बुनियादी जरूरत है। सेक्स के बारे में पुरुष सोचते है, जबकि महिलाएं चाहती है। वे दिन गए जब ‘सेक्स की मांग’ को विशेष रूप से एक पुरुष की विशेषता माना जाता था। आज महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा सेक्स की मांग करती है। कहते है पुरुष दिन में लगभग 34 बार सेक्स के बारे में सोचते है। लेकिन किया आपने कभी इससे संबंधित महिलाओं का आंकड़ा क्या है? उसके बारे में सोचा है।

महिलाओं को भी आज के समय में सेक्स की लत लगती है और वह अक्सर सेक्स के बारे में सोचती है। आमतौर पर महिलाओं के बारे में कहा जाता है कि वे सेक्स की अपनी इच्छा के बारे में मुखर होकर नहीं सोचतीं और नहीं बोलतीं। महिलाएं स्वभाव से शर्मीली भले हों। वे अपनी सेक्शुअल डिज़ायर को व्यक्त करने में संकोच भले करती हों, पर सेक्स के बारे में सोचने में वे पुरुषों से बहुत पीछे नहीं है। कई रिसर्च के दौरान मिले आंकड़ों का औसत निकालने पर पाया गया है कि महिलाएं दिन में 18.6 बार सेक्स के बारे में सोचती है। आंकड़े को मिनट में बदला जाए तो कह सकते है कि हर 51 मिनट में एक बार महिलाओं के मन में सेक्शुअल ख़्याल आते है।

सेक्स से चिपके रहने के अन्य सभी कारणों में यह सबसे प्रमुख कारण है। अच्छा सेक्स आपकी शारीरिक इच्छा को संतुष्ट करता है, जो किसी के लिए भी अनुभव करना बहुत सामान्य है। अच्छे सेक्स का मतलब है कि आप यौन क्रिया का आनंद ले रहे है और समान रूप से भाग ले रहे है। यह आपको खुद को लेकर अच्छा महसूस कराता है। सेक्स में उपचार शक्तियां होती है। यह सकारात्मक भावनाओं को उत्पन्न करता है और व्यक्ति को अधिक आत्मविश्वास का अनुभव कराता है। जब एक महिला अपने पुरुष पार्टनर को उसके शरीर और चाल की प्रशंसा करते हुए देखती है, तो यह उसके भीतर बहुत अच्छी भावनाओं को भर देता है।

सेक्स केवल एक शारीरिक अनुभूति नहीं है, बल्कि यह शरीर को आराम देने वाला है। सेक्स में बहुत गहरी सांस लेना और छूना शामिल है और इस प्रक्रिया के दौरान शरीर से निकलने वाले हार्मोन आपको शांत करते है। 30 मिनट के सेक्स से 85 से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। हमने लगभग हर जगह पढ़ा है कि सेक्स कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। ज्यादातर महिलाये अपने पार्टनर के बारे में सोचती है, खासकर उस बारे में जो हमने पिछली रात किया था। जो उहे अगले सेशन के लिए तरसाता है।

एक रिसर्च में यह बताया गया कि टेस्टेस्टेरॉन के अलावा भी कई कारण है, जो पुरुषों के दिमाग़ में सेक्स की कल्पना औसतन ज़्यादा बार घूमती रहती है। पुरुष शारीरिक संतुष्टि के बजाय अपने ईगो को संतुष्ट करने के लिए सेक्शुअल गतिविधियों का सहारा लेते है। जबकि महिलाएं सेक्स में प्यार की तलाश करती है। आप शरीर की ज़रूरत को संतुष्ट कर सकते है, पर ईगो को पूरी तरह कभी संतुष्ट नहीं किया जा सकता। इसीलिए पुरुष सेक्स के बारे में ज़्यादा सोचते रहते है। वे अपने पार्टनर के नंबर को बढ़ाने को लेकर ज़्यादा जोड़तोड़ करते है, जबकि महिलाएं अपने एक ही पार्टनर से संतुष्ट होने के बारे में ज़्यादा सोचती है।

Back to top button