x
विज्ञान

प्लास्टिक के प्लेट्स में गर्म खाना क्यों नहीं खाना चाहिए


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – 01 जुलाई से देशभर में प्लास्टिक बैग से संबंधित 19 आइटम्स पर बैन लगा दिया गया है. देश में पिछले कुछ सालों से प्लास्टिक से जुड़े सामानों पर प्रतिबंध लगाने की कवायद तो चल रही है लेकिन ये सही तरीके से लागू नहीं हो पा रहा है. इनका इस्तेमाल ना केवल पर्यावरण बल्कि सेहत के लिए भी नुकसानदेह है. हालांकि ये रोक सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाई गई, जिसमें बहुत पतली पन्नी वाले प्लास्टिक बैग इस्तेमाल होते हैं.

सुबह उठकर प्लास्टिक की पन्नी में दूध लाने से शुरू कर दिन में प्लास्टिक के टिफ़िन में खाना ले जाने से लेकर शाम को प्लास्टिक की कटोरी और चम्मच में जंक फ़ूड खाने तक हर कहीं प्लास्टिक मौजूद है.बहुत सारी रिसर्च बताती हैं कि जब हम खाना प्लास्टिक के कंटेनर में रखते है तो उसमें से कुछ मात्रा में केमिकल्स हमारे खाने या पानी में मिल जाते है. ये केमिकल दिखते तो नहीं लेकिन धीमे धीमे हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचते हैं.

यूं तो हम सभी लोग पानी के लिए बॉटल या खाना रखने के लिए प्लास्टिक लंचबॉक्स यूज करते हैं लेकिन कभी हमने उन्हें पलटकर देखा है कि उनके पीछे ISI लिखा है या फिर एक सिंबल बना है. अच्छी क्वॉलिटी के प्रॉडक्ट पर इन दोनों या फिर सिंबल का होना जरूरी है. यह मार्क ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) जारी करता है और इससे पता लगता है कि प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी अच्छी है.

पॉलीप्रोपायलीन (PP) से बना प्लास्टिक जिससे बोतल कैप, ड्रिंकिंग स्ट्रॉ, योगर्ट कंटेनर, प्लास्टिक प्रेशर पाइप सिस्टम आदि बनते हैं. केमिकल रेजिस्टेंस इसकी खूबी है. एसिड इसके साथ रिएक्ट नहीं करते, इसलिए इसको क्लीनिंग एजेंट्स, फर्स्ट ऐड प्रॉडक्ट्स आदि की पैकेजिंग के लिए भी यूज किया जाता है. पॉलिस्टरीन (PS) से बना प्लास्टिक जिससे बने प्रॉडक्ट्स पर 6 नंबर दर्ज रहता है. फोम पैकेजिंग, फूड कंटेनर्स, प्लास्टिक टेबलवेयर, डिस्पोजेबल कप-प्लेट्स, कटलरी, सीडी, कैसेट बॉक्सेज आदि में इसे इस्तेमाल किया जाता है.यह फूड पैकेजिंग के लिए सेफ है लेकिन इसको री-साइकल करना मुश्किल है और गर्म करने के दौरान इसमें से कुछ गैसें निकलती हैं. ऐसे में इसके ज्यादा इस्तेमाल से बचें.

बच्चे को फीड करने के लिए प्लास्टिक बॉटल का इस्तेमाल न करें. प्लास्टिक बॉटल को माइक्रोवेव या गैस पर पानी में बिल्कुल न उबालें. बॉटल को गर्म पानी से साफ करना काफी नहीं है. इसके अलावा क्लोरीन सलूशन से साफ कर सकते हैं.सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की एक स्टडी में कहा गया है कि बच्चों के दांत निकलते वक्त उसे जो खिलौने दिए जाते हैं उनमें बेहद खतरनाक केमिकल्स पाए गए हैं.

प्लास्टिक की बोतलों में पानी को जमाने या लंबे समय तक प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से भी कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं, एक ही प्लास्टिक बोतल का बार-बार इस्तेमाल करना भी कैंसर के लिए जिम्मेदार है. प्लास्टिक की बोतल को लंबे समय तक धूप में या गर्मी में रखना भी सही नहीं है. खाने को प्लास्टिक से रैप करने वाले पदार्थों में से प्लास्टरवाइजर्स खाने में आ सकता है जो कि कैंसर का कारण बन सकता है. बच्चों की बोतलों में बीपीए का इस्तेमाल किया जाने से भी कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है.

Back to top button