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विज्ञान

सूर्य से धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा सौर तूफान,नासा ने किया अलर्ट

नई दिल्लीः अंतरिक्ष में हर पल अनगिनत गतिविधियां होती रहती हैं. इन गतिविधियां में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को पता है कि इस तरह की घटनाएं कई बार पृथ्वी को प्रभावित करती हैं. इसी में से एक गतिविधि है सौर तूफान. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने चेतावनी जारी की है कि सूर्य से निकलने वाले अरबों गर्म प्लाज्मा धरती की तरफ बढ़ रहे हैं. ये सौर तूफान के रूप में धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोलर स्टॉर्म को लेकर आगाह किया

न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार सूर्य में बढ़ी हुई गतिविधि देखी जा रही है. इसकी सतह पर कई सनस्पॉट दिखाई दे रहे हैं, जो अंतरिक्ष में गर्म प्लाज्मा छोड़ते हैं. बता दें कि सनस्पॉट सूर्य पर बने काले धब्बे होते हैं जहां चुंबकीय क्षेत्र बेहद मजबूत होता है. इनमें से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) उत्पन्न होते हैं, जो सूर्य से तेजी से निकलने वाले प्लाज्मा के विशाल बादल हैं.अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोलर स्टॉर्म को लेकर आगाह किया है और कहा है कि रविवार को संभव है सूर्य का प्लाजमा धरती की तरफ आएगा. एजेंसी ने बताया कि सूर्य में कई तरह की गतिविधियां देखी गई है जिसकी वजह से बड़ी मात्रा में गर्म प्लाजमा का उत्सर्जन देखा जा सकता है.नासा ने कहा कि भू-चुंबकीय तूफान अरोरा (पृथ्वी की ध्रुवों पर दिखने वाली चमकीली आकाशीय रोशनी) को बढ़ा सकते हैं और इसका प्रभाव निचले अक्षांशों में दिखाई दे सकता हैं. रविवार को पृथ्वी की मैगनेटिक फील्ड से सूर्य से निकली कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) टकरा सकती है.

क्या है कोरोनल मास इजेक्शन?

सूर्य में हर वक्त लाखों विस्फोट होते रहते हैं, ये विस्फोट उसके मैग्‍नेटिक फील्‍ड के खिसकने की वजह से होती है. जब विस्फोट हो रहा होता है तब सूर्य पर मौजूद गर्म प्लाजमा पूरे अंतरिक्ष में फैल जाती है, कई बार ये धरती की ओर भी आने लगती है. इस पूरी प्रक्रिया को कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं.NASA के अनुसार, इनमें से एक CME पृथ्वी के साथ टकराव की राह पर है, जो आज संभव है. NASA का कहना है कि जब कोई CME पृथ्वी से टकराता है, तो यह भू-चुंबकीय तूफान का कारण बन सकता है. UK में एबरिस्टविथ विश्वविद्यालय में सौर भौतिकी समूह के प्रमुख ह्यू मॉर्गन ने न्यूजवीक से कहा कि ‘जब सूर्य से एक बड़ा प्लाज्मा तूफान उठता है, और वह तूफान एक चुंबकीय क्षेत्र लेकर आता है जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के विपरीत दिशा में उन्मुख होता है, तो हमारे पास एक ‘संपूर्ण तूफान’ और एक बड़ा भू-चुंबकीय तूफान होता है.

सौर तूफ़ान क्या है?

ब्रिटेन में एबरिस्टविथ विश्वविद्यालय में सौर भौतिकी विभाग के प्रमुख ह्यू मॉर्गन के अनुसार, “सौर तूफान तब बनते हैं जब सूर्य से एक बड़ा प्लाज्मा तूफान उठता है और वह तूफान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ संपर्क करता है।”

ये तूफ़ान कैसे आता है?

पृथ्वी सौर तूफान का सामना कर रही है और आज एक और तूफान आने की आशंका है। नासा के अनुसार, सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) पृथ्वी के साथ टकराव की राह पर है, जो आज संभव है। नासा का कहना है कि जब कोई सीएमई पृथ्वी से टकराता है, तो यह भू-चुंबकीय तूफान का कारण बन सकता है।

क्या हैं खतरे?

लेकिन पृथ्वी पर इसके ढेरों खतरे हैं. जब कोरोनल मास इजेक्शन धरती की तरफ आता है तो इससे संचार माध्यमों को सबसे ज्यादा खतरा होता है. क्योंकि सीएमई में ढेरों तरीके के एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स शामिल होते हैं.एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स की वजह से पृथ्वी पर नेटवर्क टावर और शार्ट वेब रेडियो के संचार में बाधा का खतरा रहता है. अममून सीएमई धरती तक नहीं पहुंच पाती और अगर पहुंचती भी है तो उसका असर बहुत कमजोर होता है, लेकिन अतीत में कई ऐसे उदाहरण है जिसमें सीएमई की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ा था.समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पिछले साल 3 फरवरी 2022 को स्पेसएक्स के स्टारलिंक प्रोजेक्ट की 49 सैटेलाइट को एक साथ अंतरिक्ष में भेजा गया था. लेकिन सीएमई और सौर तूफानों की वजह से 40 सैटेलाइट को गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा था.

क्या होता है प्रभाव

धरती के चुंबकीय क्षेत्र में आने के बाद ये सौर या चुंबकीय तूफान का रूप लेंगे. NOAA की मानें तो भू-चुंबकीय तूफानों की तीव्रता को विभिन्न स्तर पर मापा जाता है. G1 मामूली से लेकर G5 सबसे चरम तक तूफान के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. G1 तूफ़ान पैमाने पर सबसे कमज़ोर होते हैं और नियमित आधार पर, हर महीने कई बार आ सकते हैं.

सनस्पॉट में हुई 10 गुना वृद्धि

पिछले सप्ताह सन स्पॉट की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है और हर दिन कई CME इनसे लॉन्च किए गए हैं। नासा के मॉडल के मुताबिक इनमें से एक CME पृथ्वी से भी टकरा सकता है और 25 नवंबर के अंत तक हमारे ग्रह तक पहुंच जाएगा। वैज्ञानिकों की ओर से तूफान के रास्तों के विश्लेषण के बाद इसकी पुष्टि होगी। यूके में एबरिस्टविथ यूनिवर्सिटी में सौर भौतिकी समूह के प्रमुख ह्यू मार्गन ने कहा, ‘एक भू-चंबकीय तूफान सूर्य से होने वाले विस्फोट को गंभीर रूप से बाधित करेगा।

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