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भारतविज्ञान

जानिए मौसमीय घटना ला नीना के बारे में


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नई दिल्ली – भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने इस साल ला नीना की स्थिति के कारण कड़ाके की ठंड पड़ने की बड़ी जानकारी दी। लेकिन क्या आप जानते है ये ला नीना घटना होती क्या है।

प्रशांत महासागर में उभर रही ला नीना की वजह से उत्तर भारत में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। ला नीना मौसम पैटर्न उत्तरी गोलार्ध में सर्द सर्दियों का कारण बनता है। इसकी वजह से भारत के कुछ हिस्सों में अत्यधिक ठंडी सर्दियां होने की संभावना है। जलवायु परिवर्तन से तापमान में बढ़ोतरी होती है बल्कि इसके विपरीत इसके कारण मौसम अनियमित हो जाता है। ला नीना का प्रभाव अभी से भारत में देखा जा सकता है, देश के कई कई हिस्सों में पिछले कुछ समय से असामान्य रूप से भारी बारिश हो रही है, खासतौर पर उत्तर में पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और विशेष रूप से दक्षिण में तटीय केरल में। लगातार तेज़ बारिश और मॉनसून का लंबे समय तक रहना ला नीना से जुड़ा हुआ है।

महापात्र ने अपने बयान में कहा की चूंकि ला नीना की स्थिति कमजोर है, इसलिए हम इस वर्ष ज्यादा ठंड की उम्मीद कर सकते है। अगर शीत लहर की स्थिति के लिए बड़े कारक पर विचार करें तो अल नीनो और ला नीना बड़ी भूमिका निभाते हैं।’ वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की तरफ से ‘शीत लहर के खतरे में कमी’ पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। शीत लहर की स्थिति के लिए ला नीना अनुकूल होता है जबकि अल नीनो की स्थिति इसके लिए सहायक नहीं होती। IMD हर वर्ष नवम्बर में शीत लहर का पूर्वानुमान भी जारी करता है जिसमें दिसम्बर से फरवरी के दौरान शीत लहर की स्थिति की जानकारी दी जाती है।

स्पैनिश भाषा में ला नीना का मतलब होता है नन्ही बच्ची। नेशनल ओशनिक सर्विस ऑफ नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NIAA) के अनुसार, ला नीना को कभी-कभी एल विएजो या एंटी-एल नीनो भी कहा जाता है। यह स्थिति तब शुरू होती है जब वातावरण प्रशांत महासागर के ऊपर पानी के ठंडे हिस्से पर प्रतिक्रिया करता है। महीनों से इसके संकेत देखे जा सकते है। पैटर्न बनने की संभावना थी, जो दुनिया की दूसरी ला नीना को लगातार चिह्नित कर रहा था।

अल नीनो और ला नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है, जिसका दुनिया भर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है। अल नीनो की वजह से तापमान गर्म हो जाता है और ला नीना की वजह से ठंडा। दोनों आमतौर पर 9-12 महीने तक रहते है, लेकिन असाधारण मामलों में कई सालों तक भी रह सकते है।

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