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IND vs SA : शुभमन गिल नहीं थे आउट,हड़बड़ी में गड़बड़ी कर गए तिलक वर्मा


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नई दिल्लीः शुभमन गिल को भविष्य का अगला महान बल्लेबाज बताया जा रहा है। गिल का प्रदर्शन वनडे और टेस्ट क्रिकेट में कमाल का रहा भी है। गिल की बल्लेबाजी में क्लास नजर आती है और टाइमिंग सलामी बैटर की सबसे बड़ी ताकत है।गिल ने वनडे और टेस्ट में भले ही अपने दमदार प्रदर्शन से छाप छोड़ी हो, लेकिन क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट यानी टी-20 में पंजाब का यह बल्लेबाज कुछ खास कमाल नहीं दिखा सका है। एक या दो पारियों को छोड़ दें, तो गिल के लिए फटाफट क्रिकेट में दहाई का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल साबित हो रहा है।

टी-20 में गिल का हाल बेहाल

शुभमन गिल ने भारत की ओर से अब तक कुल 12 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इस दौरान सलामी बल्लेबाज के बल्ले से 27.63 की मामलूी औसत और 145 के स्ट्राइक रेट से 304 रन निकले हैं। गिल ने इस फॉर्मेट में एक शतक भी जमाया है और 126 रन की शानदार पारी खेली थी। हालांकि, अगर 126 की पारी को साइड कर दिया जाए, तो बाकी 11 इनिंग में गिल के बल्ले से महज 181 रन निकले हैं।

दहाई का आंकड़ा पार करना हो रहा मुश्किल

शुभमन गिल के लिए टी-20 क्रिकेट में दहाई का आंकड़ा पार करना ही सबसे बड़ा टास्क साबित हो रहा है। 12 पारियों में गिल इस फॉर्मेट में 8 बार 10 रन का आंकड़ा तक नहीं पार कर सके हैं। 3 पारियों को मिलकर गिल ने 249 रन बनाए हैं, लेकिन बाकी 9 पारियों में शुभमन सिर्फ 55 रन ही बना सके हैं। यानी टी-20 में गिल की बल्लेबाजी मे निरंतरता की कमी साफतौर पर नजर आई है।

गेंद लेग स्टंप कर रही थी मिस

शुभमन गिल ने तीसरे टी20 मैच में काफी आक्रमक तरीके से बल्लेबाजी शुरू की जिसमें उन्होंने 6 गेंदों में 12 रनों की पारी में 2 चौके भी लगाए थे। वहीं केशव महाराज के खिलाफ जब गिल ने उनकी गेंद पर स्वीप शॉट खेलने का प्रयास किया तो वह सीधे पैड पर जाकर लगी। इसके बाद अंपायर ने अपनी उंगली खड़ी करने में देर नहीं की। गिल ने नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े अपने साथी खिलाड़ी यशस्वी से बात करने के बाद सीधे पवेलियन की तरफ रुख कर दिया। हालांकि बाद में जब इस आउट का रिप्ले देखा गया तो उसमें गेंद लेग स्टंप को मिस कर रही थी। वहीं इस रिप्ले के बाद डगआउट में बैठे मुख्य कोच राहुल द्रविड़ भी काफी निराश नजर आए। यदि गिल डीआरएस लेने का फैसला करते तो उन्हें नॉट आउट करार दिया जाता। वहीं इसी ओवर की तीसरे गेंद पर भारत को दूसरा झटका तिलक वर्मा के रूप में लगा जो बिना खाता खोले गोल्डन डक पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बावजूद भारत ने 6 ओवरों का खेल खत्म होने के बाद 2 विकेट के नुकसान पर 62 रन बना लिए थे।

ऐसे कैसे मिलेगी वर्ल्ड कप टीम में जगह?

साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे टी-20 मैच में भी गिल फ्लॉप रहे थे और बिना खाता खोले पवेलियन लौटे थे। टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में शुभमन गिल को रुतुराज गायकवाड़ से कड़ी टक्कर मिलने वाली है। रुतुराज इस फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करके विश्व कप के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। वहीं, गिल की गिरती फॉर्म सलामी बल्लेबाज का टी-20 वर्ल्ड कप खेलने का सपना तोड़ सकती है।

टी20 में गिल अब तक 13 में से 8 पारियों में नहीं छू सके दहाई का आंकड़ा

शुभमन गिल ने अब तक टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के अपने छोटे से करियर में कुल 13 पारियों में बल्लेबाजी की है, जिसमें वह 8 बार दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके हैं। गिल ने अब तक 13 टी20 मैचों में 26.33 के औसत से 316 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतकीय और एक अर्धशतकीय पारी शामिल है।

केशव महाराज का चला जादू

साउथ अफ्रीका ने इस मैच के लिए प्लेइंग इलेवन में केशव महाराज को शामिल किया था। तेज शुरुआत की वजह से महाराज को तीसरे ही ओवर में बॉलिंग पर लाना पड़ा। उन्होंने पहली गेंद पर कोई रन नहीं दिया और दूसरी गेंद पर शुभमन गिल का शिकार कर दिया। स्पिन के खिलाफ जाकर गिल ने स्वीप करने की कोशिश की। लेकिन वह गेंद पैड पर लगी और अंपायर ने अपील पर उंगली खड़ी कर दी। गिल ने डीआरएस नहीं लिया। बाद में रिप्ले में दिखा कि गेंद लेग स्टंप को छोड़कर जा रही थी। गिल ने 6 गेंद पर 12 रन बनाए।

गोल्डन डक हुए तिलक वर्मा

टीम इंडिया गिल के झटके से उबर भी नहीं पाई थी कि तिलक वर्मा भी आउट हो गए। अगली ही गेंद केशव महाराज ने उनका विकेट ले लिया। तिलक ने पहली ही गेंद पर अटैक करने का फैसला किया। उन्होंने मिड ऑफ के ऊपर से शॉट खेलने की कोशिश की। लेकिन गेंद बल्ले पर ठीक से नहीं आई और वहां खड़े कप्तान एडेन मार्करम के हाथों में चली गई।

टी20 में नहीं चल रहे गिल

शुभमन गिल अभी तक टी20 में भारत के लिए निरंतर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। 13 मैच में गिल ने 26 की औसत से 316 रन बनाए हैं। एक ही मैच में उनके 126 रन हैं। इसके अलावा एक फिफ्टी भी है। अन्य मौकों पर वह छाप नहीं छोड़ पाए हैं। गिल को वनडे की तरह यहां जगह पक्की करनी है तो निरंतर होना पड़ेगा।

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