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विज्ञान

चंद्र ग्रहण 2023 : साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कब लगेगा,जानें -तिथि और समय


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नई दिल्लीः जल्द ही एक खगोलीय घटना के लिए तैयार हो जाइए। साल 2023 में कुल चार ग्रहण थे। दो सूर्य ग्रहण थे और दो चंद्र ग्रहण। इनमें से तीन हो चुके हैं और अब चौथा ग्रहण 28 अक्टूबर को होगा। यह एक चंद्र ग्रहण होगा जो पृथ्वी के एक बड़े हिस्से में दिखाई देगा। हम आपको चंद्र ग्रहण के बारे में सारी जानकारी देंगे। 28 अक्टूबर को होने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक होगा। चंद्रमा छाया के उत्तरी किनारे पर होगा। इसके कारण चंद्रमा का एक छोटा हिस्सा पूरी तरह ग्रहण में रहेगा।

खगोलीय घटना

नासा के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा चरण के दौरान होता है जब चंद्रमा और सूर्य एक सीध में होते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा कुछ घंटों के लिए चमकदार लाल रंग में बदल जाता है। जब पृथ्वी पूर्णिमा और सूर्य के बीच में आती है तो आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है। सूर्य और चंद्र ग्रहण हमेशा से ही विस्मय की घटना रही है जो लोगों को उत्सुक बनाती है और यह एक ऐसी घटना भी है जो युगों-युगों तक बहुत सारे संदेह और अंधविश्वासों को जन्म देती है। अक्टूबर महीने की शुरुआत हो चुकी है और लोगों को इस महीने में चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना को देखने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। इस महीने दो सप्ताह के अंतराल में चंद्र और सूर्य ग्रहण लगे। आंशिक चंद्रग्रहण 28-29 अक्टूबर को रात के आकाश को सुशोभित करने के लिए निर्धारित है।

आंशिक चंद्र ग्रहण

आंशिक चंद्र ग्रहण देखने से ऐसा लगेगा, जैसे इसे किसी ने काट दिया है। आगे बढ़ें उससे पहले जान लीजिए की चंद्र ग्रहण होते क्या हैं। जब तीन खगोलीय पिंड एक लाइन में आ जाएं और उनमें से एक किसी पर प्रकाश पहुंचने से रोके तो वह ग्रहण कहलाता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाए तो वह चंद्र ग्रहण कहलाता है। इस दौरान पृथ्वी की परछाई चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान पृथ्वी की छाया का कमजोर और ताकतवर प्रकार होता है। जहां छाया हल्की होती है उसे उम्ब्रा और जहां छाया सबसे डार्क हो उसे उम्ब्रा कहते हैं।

भारत में अगला चंद्र ग्रहण कब है

यह ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखाई देगा, जहां चंद्रमा क्षितिज से ऊपर है, जिसमें एशिया, रूस, अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और अंटार्कटिका शामिल हैं। नई दिल्ली से यह दक्षिण-पश्चिम आकाश में क्षितिज से 62° डिग्री ऊपर स्थित होगा। 28-29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण होगा। रात में 28 अक्टूबर के बाद भी इसे देखा जा सकता है। चंद्र ग्रहण की बात करें तो यह 28 अक्टूबर की रात 11:31 बजे से लगेगा और 29 अक्टूबर की सुबह 3:36 am पर खत्म होगा। लेकिन 29 अक्टूबर को 1.45 am पर यह अपने चरम पर होगा। उस समय इसे देखना अच्छा होगा।

चंद्र ग्रहण 2023

28-29 अक्टूबर को चंद्रग्रहण होगा। यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है।सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर चंद्र ग्रहण होता है। इस दौरान पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है।चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को 11:31 PM से शुरू होगा और 29 अक्टूबर को 3:36 AM पर खत्म होगा।भारत में चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 1:45 AM पर अपने चरम पर होगा।

क्या भारत में भी दिखाई देगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण?

इस बार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया, लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था।

कहां-कहां देखा जा सकेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण?

साल के अंतिम चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।

कब शुरू होगा साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का सूतक काल?

चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्तूबर की दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा।

भारत में कहां-कहां दिखाई देगा आखिरी चंद्र ग्रहण ?


जानकारों के अनुसार साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के सभी राज्यों में दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें?


ग्रहण के दौरान नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है। ऐसे में नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए भगवान का नाम जपना चाहिए। साथ ही भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस दौरान पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या नहीं करें ?

चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। सिलाई बुनाई का काम नहीं करना चाहिए। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।आप भगवान के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

क्यों लगता है चंद्र ग्रहण ?

सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक ऐसा समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। इस घटना को खगोलीय घटना के रूप में चंद्रग्रहण कहा जाता है।

चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद क्या करें?

चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद सबसे पहले स्नान करें और पूरे घर पर गंगाजल का छिड़काव करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद पूजा करें। साथ ही चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद दान जरूर करना चाहिए। इससे ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं।

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