मुंबई – लोकप्रिय संगीत संगीतकार राम लक्ष्मण का 22 मई की तड़के नागपुर में 78 वर्ष की उम्र में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
पुरे देश में फ़िलहाल कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान बड़े दौर पर चल रहा हैं। राम लक्ष्मण ने भी कुछ दिन पहले COVID-19 वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगवाया था। जिसके बाद वह बहुत कमजोर और थका हुआ महसूस कर रहे थे।
Mujhe abhi pata chala ki bahut guni aur lokpriya sangeetkar Ram Laxman ji (Vijay Patil) ji ka swargwas hua. Ye sunke mujhe bahut dukh hua. Wo bahut acche insaan the.Maine unke kai gaane gaaye jo bahut lokpriya hue. Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun. pic.twitter.com/CAqcVTZ8jT
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) May 22, 2021
राम के निधन पर वयोवृद्ध गायिका लता मंगेशकर ने शोक जताते हुए सोशियल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा ” मुझे अभी पता चला है कि बेहद प्रतिभाशाली और लोकप्रिय संगीतकार राम लक्ष्मण जी (विजय पाटिल) का निधन हो गया है। मुझे यह सुनकर बहुत अफ़सोस हुआ। वह महान थे। मैंने उनके कई गाने गाए जो बहुत लोकप्रिय हुए। मैं उन्हें अपना सम्मान देती हूं। ”
लता ने राम के साथ लम्बे आरसे तक काम किया। राम लक्ष्मण मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन, हम साथ साथ हैं जैसी कई सुपर हिट फिल्मों के लिए संगीत तैयार करने के लिए जाना जाता था। राम ने लता के कम्पोज्ड किये गए कई गानों जैसे माई नी माई, दीदी तेरा देवर दीवाना, कबूतर जा जा जा के लिए अपनी आवाज दी है।
Great music director of Hindi Film industry #RamLaxman, whose real name was Vijay Patil, died at Nagpur residence on Saturday. He was 79. Undoubtedly, the most underrated legend of Indian Music world. @timesofindia @TOI_Nagpur
@mangeshkarlata pic.twitter.com/vCUGPhgtxX— Chaitanya Deshpande (@ChaitanyadTOI) May 22, 2021
राम का जन्म के वक्त का नाम विजय पाटिल था। लेकिन बाद में उन्हें राम लक्ष्मण की जोड़ी का लक्ष्मण दिया गया। राम ने 1977 में राजश्री प्रोडक्शन्स की एजेंट विनोद से इन्होंने शुरुआत की थी। उनके संगीतकार साथी राम (सुरेंद्र) का 1976 में फिल्म एजेंट विनोद पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद निधन हो गया। जिसके बाद विजय ने अपनी स्मृति का सम्मान करने के लिए अपनी रचनाओं में सुरेंद्र के नाम का उपयोग करना जारी रखा।
RamLaxman (Vijay Patil) started as a music director duo (Ram – Surendra, Vijay-Laxman) but Surendra was gone too early in their journey in 70s..
Viay continued with the same name #Ramlaxman for life and composed for many memorable films in 80s & 90s
— Pavan Jha (@p1j) May 22, 2021
राम ने कई फिल्मों में संगीत दिया जिसमें हम से बढ़कर कौन (1981) सुन सजना (1982) दीवाना तेरे नाम का (1987) शामिल हैं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चूका है।