हमास से युद्ध के बीच इजरायल पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की हुई हर्निया सर्जरी,कब और क्यों की जाती है ये सर्जरी? -जानें
नई दिल्लीः इजरायल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए अभी काफी मुश्किल भरा समय चल रहा है. वहां की आवाम उनके खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन कर रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो इतना बड़ा प्रदर्शन वहां पहली बार हो रहा है. इस बीच शनिवार को हर्निया का पता लगने के बाद सोमवार को नेतन्याहू की सर्जरी की खबर भी खूब सुर्खियों में है.
इजरायल पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की हुई हर्निया सर्जरी
हमास के साथ 6 महीने से चल रहे युद्ध के बीच इजरायल से बड़ी जानकारी सामने आ रही है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अचानक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने एक सोशलमीडिया पोस्ट पर इसकी जानाकरी साझा की है। बेंजामिन नेतन्याहू के प्रधानमंत्री पद का दायित्व फिलहाल उप प्रधानमंत्री और न्याय मंत्री यारिव लेविन को दी गई है। अचानक जारी हुई इस सूचना के बाद इजरायल में हलचल मच गई है।
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस बारे में सूचना दी है। साथ ही इजरायलल के प्रधान मंत्री कार्यालय ने भी नेतन्याहू के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में जानकारी दी है। पीएमओ ने अपनी सूचना में कहा है कि शनिवार रात को पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
नेतन्याहू का चार्ज दी गया डिप्टी पीएम को
इमरजेंसी में नेतन्याहू को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद उनके प्रधानमंत्री पद का दायित्व अब डिप्टी पीएम को दे दिया गया है। हालांकि उन्हें किसी तरह का गंभीर खतरा नहीं है। जानकारी के अनुसार रूटीन चेकअप के दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू में हर्निया का पता चला है। अपने डॉक्टरों के परामर्श से उन्होंने आज रात हर्निया की सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंचे। उनका ऑपरेशन पूर्ण एनेस्थीसिया के तहत किया जाएगा। इस समय प्रधान मंत्री का स्थान उप प्रधान मंत्री और न्याय मंत्री, यारिव लेविन द्वारा भरा जाएगा।
क्या होता है हर्निया?
पेट की मांसपेशियों के किसी हिस्से में कमजोरी आने की वजह से वहां से पेट के अंदर के अंग, सामान्यतः आंतें बाहर आने लगती हैं और वह उस हिस्से में गुब्बारे-सी सूजन बना देती हैं। यह आमतौर पर नाभि के आसपास, जांघ या पेट के जोड़ वाले हिस्से (इनग्वायनल रीजन/ग्राईन) या पेट में पूर्व किए हुए ऑपरेशन के स्थान पर होता है। यह प्राय: पुरुषों में अधिक पाया जाता है। यह किसी भी आयु वर्ग में जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक हो सकता है।
- पेट के किसी भाग में गुब्बारेनुमा सूजन या फूलन होना। यह सूजन खड़े रहने, खांसने, चलने, भारी सामान उठाने या यूरिन अथवा शौच करने के समय जोर लगाने पर बड़ी हो जाती है। सूजन वाले स्थान पर लगातार हल्का दर्द भी होता रहता है।
- यह सूजन लेटने या हाथ से दबाने पर पानी की गुड़-गुड़ जैसी आवाज के साथ अंदर चली जाती है या छोटी हो जाती है।
- बहुत तेज दर्द, उल्टियां होना, पेट फूलना या दस्त नहीं होना इस बात का संकेत होता है कि हर्निया फंस गया या अटक गया है। यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे मरीज को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
हर्निया बढ़ने के लक्षण
- उल्टी
- बुखार
- जी मिचलाना
- लाल-बैंगनी रंग का उभार
हर्निया की वजह
- टीबी, अस्थमा इत्यादि से लगातार होने वाली खांसी।
- कब्जियत या मोटापा।
- प्रोस्टेट की गठान या मूत्र मार्ग में रुकावट।
- अनुवंशिक या जन्मजात।
- लिवर की गंभीर बीमारियां।
- प्रोटीन की कमी, कुपोषण।
- अत्यधिक धूम्रपान करना।
- ज्यादा भारी वजन उठाना।
- मांसपेशियों की कमजोरी।
- वृद्धावस्था या पैरालिसिस।
ऑपरेशन ही इसका एकमात्र स्थाई समाधान
ऑपरेशन ही इसका एकमात्र स्थाई समाधान है। कोई भी दवाई, जड़ी-बूटी, योग हर्निया को नहीं हटा सकते। बेल्ट बांधना भी उचित इलाज नहीं है और यह कभी-कभी नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऑपरेशन में विलंब इसकी जटिलताओं को न्योता देता है जो घातक साबित हैं सकता है। इसलिए जैसे ही इस बीमारी के बारे में मालूम पड़े, वैसे ही यथाशीघ्र योग्य सर्जन को दिखाकर ऑपरेशन करवा लेना चाहिए। यह ऑपरेशन किसी भी आयु वरमें किया जा सकता है, नवजात से लेकर 100 वर्ष के बुजुर्ग तक। ऑपरेशन कई प्रकार से किए जाते हैं जो मरीज की आयु और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। जांच के पश्चात सर्जन ही आपके ऑपरेशन की उचित विधि का सुझाव देंगे।
कब करवानी पड़ती है हर्निया की सर्जरी
यदि हर्निया छोटा हो तो इसे दवाओं की मदद से सप्रेस किया जा सकता है. लेकिन यदि इसकी साइज बढ़ने लगे तो इसे तुरंत सर्जरी करके बॉडी से अलग करने की जरूरत होती है. दवा से हर्निया के लक्षणों को केवल कम किया जा सकता है, इसे जड़ से खत्म करने के लिए सर्जरी ही एकमात्र रास्ता होता है.
इस तरह से कर सकते हैं हर्निया से बचाव
संतुलित जीवन शैली और हेल्दी भोजन हर्निया के जोखिम को करने में बहुत मददगार साबित होते हैं. इसके अलावा लगातार खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें, पेशाब-मल त्यागते समय ज्यादा तनाव या दबाव में ना रहे. साथ ही मोटापा और भारी वजन उठाने से बचें.