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बच्चे की तरह फूट-फूटकर रोने लगे सुनील छेत्री,फुटबॉल से लिया संन्यास

नई दिल्ली – भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने फुटबॉल से संन्यास ले लिया है। 39 साल के छेत्री ने गुरुवार को कुवैत के खिलाफ करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला, जो गोलरहित ड्रॉ रहा।छेत्री कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम से हाथ जोड़कर रोते हुए बाहर निकले। यहां दोनों टीमों के खिलाड़ियों उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया।इस ड्रॉ मैच से FIFA क्वालिफायर में भारत के तीसरे दौर में पहुंचने की उम्मीदों को झटका लगा है। टीम इंडिया को अगला मुकाबला कतर के खिलाफ खेलना होगा।

परिवार का फुटबॉल से रहा जुड़ाव

सिकंदराबाद में जन्मे 39 साल के सुनील छेत्री की पारिवारिक पृष्ठभूमि फुटबॉल वाली रही है। उनकी मां व जुड़वां बहनें नेपाल की राष्ट्रीय महिला टीम के लिए खेल चुकी हैं। छेत्री के बचपन का ज्यादातर समय दार्जिलिंग में बीता। उन्होंने छोटी उम्र में ही फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था और विभिन्न टूर्नामेंटों में हिस्सा लेते थे। असाधारण प्रतिभा के बल पर वे आगे बढ़ते चले गए। उन्होंने 21 साल की उम्र में पाकिस्तान के विरुद्ध पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और फिर सफलता के पायदान चढ़ते चले गए। उनके शानदार खेल की बदौलत भारत ने 2007, 2009, 2012 में नेहरू कप और 2011, 2015 व 2021 में सैफ चैंपियनशिप जीती।

छेत्री इंटरनेशनल फुटबॉल में 94 गोल किए

वह अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सर्वाधिक की गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128), ईरान के दिग्गज अली डेई (108) और अर्जेंटीना के करिश्माई खिलाड़ी लियोनेल मेसी (106) के बाद चौथे स्थान पर हैं। भारत जैसे देश के किसी खिलाड़ी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है तथा 16 मई को जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की तो फीफा ने भी उनकी उपलब्धियों की सराहना की थी।

जो पसंद है वह नहीं खाता

जाने-माने खेल पत्रकार बोरिया मजुमदार ने बताया, “सुनील देश के ऐसे पहले फुटबॉलर हैं, जिनकी रिटायरमेंट की खबर इतनी सुर्खियों में रही। उन्होंने एक बार मुझसे कहा था कि मैं वह नहीं खाता, जो मुझे पसंद है। मैं वह खाता हूं, जिसकी मुझे जरुरत है। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं मेसी और रोनाल्डो के बराबर नहीं हूं लेकिन उन दोनों से अधिक मेहनत कर सकता हूं। वे अगर 10 घंटे अभ्यास करते हैं तो मैं 20 घंटे कर सकता हूं।”

स्टेडियम में गूंजे छेत्री-छेत्री के नारे

भारतीय कप्तान अपने आखिरी मुकाबले में गोल नहीं कर सके। इसके बावजूद स्टेडियम छेत्री-छेत्री के नारों से गूंज उठा। मुकाबले के बाद छेत्री की विदाई के वक्त भारत और कुवैत के खिलाड़ियों ने खड़े होकर तालियां बजाईं।भारतीय टीम के लिए छेत्री के नाम 94 गोल हैं। वो क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद सबसे ज्यादा इंटरनेशनल गोल करने वाले एक्टिव खिलाड़ी हैं।

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