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भारत

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन का मामला,नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम पर भड़के खरगे

नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हुए एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कई विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की बात कह चुके हैं।

खरगे ने ट्विटर में ट्वीट करके लिखा कि मोदी संसद जनता से स्थापित लोकतंत्र का मंदिर है. महामहिम राष्ट्रपति का पद संसद का प्रथम अंग है. आपकी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने सवाल पूछा कि 140 करोड़ भारतीय जानना चाहते हैं कि भारत के राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक छीनकर आप क्या जताना चाहते हैं ?

28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।

नए संसद भवन का पीएम मोदी से उद्घाटन को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने एक दिन पहले बुधवार को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसके साथ ही शाह ने उद्घाटन पर विपक्ष के बहिष्कार को लेकर कहा कि आप इसे राजनीति के साथ मत जोड़िए. सब अपने विवेक के हिसाब से काम कर रहे हैं.

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