यूसीसी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी,लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
नई दिल्ली – समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। बुधवार को राष्ट्रपति ने नागरिक संहिता विधेयक को मंजूरी दे दी है। सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात की जानकारी दी है।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके सीएम धामी ने इस बात की जानकारी दी। सीएम धामी ने लिखा कि हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
उत्तराखंड विधानसभा से यूसीसी बिल पास
राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा था। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था।उत्तराखंड विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा गया था। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना था। अब राष्ट्रपति से मुहर लगने के बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा। आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया था। विधानसभा सदन में विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ था।
यूसीसी से बदलेगी महिलाओं की स्थिति
सीएम धामी ने आगे लिखा कि निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में #UniformCivilCode अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री जी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है।
महिला अधिकारों पर केंद्रित था विधेयक
इस विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है। कुल 192 पृष्ठों के विधेयक को चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) और विविध में विभाजित किया गया है।