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लाइफस्टाइल

World Sleep Day 2023: कौन सी उम्र कितनी लेनी चाहिए नींद

नई दिल्ली – कई बार ऐसे लोगों को अपने दोस्‍तों और करीबियों से ये ताना भी सुनने को मिल जाता है कि ‘यार तुम सोते बहुत हो’. अबकि बार आपको कोई ये ताना मारे तो उससे कह दीजिएगा कि ‘नींद अच्‍छी है’. शरीर को तमाम बीमारियों से बचाने के लिए हेल्‍दी नींद लेना बहुत जरूरी है. आज के समय में स्‍ट्रेस, डिप्रेशन, सिर दर्द, भूख न लगना, याद्दाश्‍त में कमी, हार्ट से जुड़ी समस्‍याएं, मोटापा जैसी तमाम बीमारियों की बड़ी वजह पूरी नींद नहीं लेना भी है. आज के समय में काम के बोझ, मोबाइल, यूट्यूब वगैरह की लत के चलते लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती. इसके कारण उनके बीच तमाम परेशानियां भी तेजी से बढ़ रही हैं.

हर साल 17 मार्च को विश्‍व नींद दिवस यानि वर्ल्‍ड स्‍लीप डे (World Sleep Day) मनाया जाता है। ऑक्‍सफोर्ड हेल्‍थ एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्‍ट का कहना है कि मनोवैज्ञानिक चिकित्सक तक रात को अच्छी नींद लेने की सलाह देते हैं। नींद हमारे मन, शरीर और आत्मा को फिर से जीवंत करने में मदद करती है और हमें अगले दिन की चुनौतियों और तनावों के लिए तैयार करती है। रात को अच्‍छी नींद लेने का बहुत महत्‍व है और यह दिमाग को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने के प्रमुख तरीकों में से एक है।

जो बच्चे नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में नींद लेते हैं, उनके ध्यान, व्यवहार, सीखने, स्मृति और समग्र मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। पर्याप्त नींद न लेने से हाई बीपी, मोटापा और यहां तक कि अवसाद भी हो सकता है। उम्र के आधार पर बच्‍चे के लिए नींद के घंटे अलग होते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार 1 वर्ष से कम आयु के शिशु 12 से 16 घंटे, 1 से 2 साल के बच्चे 11 से 14 घंटे, 3 से 5 साल के बच्चे 10 से 13 घंटे, 6 से 12 साल के बच्चे 9 से 12 घंटे और 13 से 18 वर्ष के किशोर 8 से 10 घंटे सोने चाहिए।

अच्‍छी नींद डायबिटीज के रिस्‍क को भी घटाती है. दरअसल कम नींद लेने से हमारा मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है, जिसके कारण मोटापा बढ़ता है. इसके कारण डायबिटीज टाइप-2 का भी रिस्‍क बढ़ता है.अच्‍छी नींद आपकी मेंटल हेल्‍थ को भी दुरुस्‍त रखती है. नींद पूरी न होने के कारण तनाव, सिर दर्द, माइग्रेन, भूलने की समस्‍या जैसी कई परेशानियां तंग करती हैं.

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