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लोग स्वस्थ रहने के लिए खा रहे है ‘ये’ मशहूर बिस्किट, जानिए क्या है खास


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नई दिल्ली – दुनिया में आपको ऐसे लोग जरूर मिले होंगे जो किसी भी व्यक्ति की कही हुयी बातो पर जल्द ही विश्वास कर लेते है। देश आज कहा से कहा पहोच गया लेकिन अभी भी लोगो के मन में से अंधविश्वास का कीड़ा अब तक नहीं गया।

हालही में जिवितपुत्रिका (जितिया भी कहा जाता है) जो 28 सितम्बर से लेकर 30 सितम्बर तक मनाया गया। यह तीन दिवसीय हिंदू त्योहार है जो अश्विन महीने में कृष्ण-पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस तक मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से भारतीय राज्यों बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश और नेपाल के मैथिली, मगधी और भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में मनाया जाता है। इसमें माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए (बिना पानी के) व्रत रखती है।

‘जेउतिया’ उत्सव से जुड़ी एक अफवा फ़िलहाल काफी सुर्खियों में है। जिसमें अगर कोई लड़का जेउतिया पर पारले-जी बिस्कुट नहीं खाता है, तो उसे भविष्य में अप्रिय घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। घटना बिहार के सीतामढ़ी की है। सीतामढ़ी के एसपी हर किशोर राय ने इस बात पर कहा की जिले के कुछ स्थानों पर गुरुवार को पारले-जी बिस्कुट को लेकर अफवाहें थीं। दुकानों के बाहर लोग लंबी कतारों में दिखे। शुक्रवार को यह नहीं देखा गया। जिले में अफवाह कैसे फैली इसका पता अभी नहीं चल पाया है।

इस अफवाहों की वजह से बड़ी संख्या में भीड़ किराने की दुकानों, पान की दुकानों और किसी भी अन्य दुकानों के बाहर जमा हो गई, जिनके पास पारले-जी बिस्कुट का बड़ा स्टॉक था ताकि वे सुरक्षित रहने के लिए कम से कम एक पैकेट खरीद सकें। अफवाहें अन्य ग्रामीण क्षेत्रों जैसे बरगनिया, ढेह, नानपुर, बाजपट्टी, मेजरगंज और जिले के कुछ अन्य ब्लॉकों में फैल गई थीं। अन्य जिलों में भी पारले-जी बिस्कुट खरीदने के लिए दुकानों के बाहर भारी भीड़ उमड़ी। पारले-जी के शेयर तेजी से बंद हो गए। मामले की जांच की गई तो पता चला कि कई दुकानदार कालाबाजारी में संलिप्त हैं। सीतामढ़ी जिले में पारले-जी बिस्कुट का 5 रुपये का पैकेट 50 रुपये में बेचा गया क्योंकि मांग इतनी अधिक थी।

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