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विज्ञान

विचारों से ही चीजों को हिलाना या मोड़ना क्या मुमकिन होगा -जाने

नई दिल्ली – हम केवल विचारों की ही ताकत (Power of Thoughts) से वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा सकते हैं. इस विषय का उपयोग बहुत ही कहानियों, फिल्मों, दंत कथाओं और मिथाहासक कथाओं में सुनने को मिलता है. लेकिन लोगों को शायद यकीन नहीं होगा कि वैज्ञानिक इसमें भी गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं और चीनी वैज्ञानिकों (Chinese को तो इस दिशा में एक “पहली” सफलता मिल भी गई है. नए अध्ययन में उन्होंने विचारों जरिए निकलने वाली तरंगों के द्वारा इस सब को संभव होने का सिद्धांत दर्शाया है.

टेलीकाइनेसिस को अभी तक पूरी तरह से एक फंतासी विषय माना जाता है. इसे स्टार वार्स, एक्स मैन सीरीज जैसी कई फिल्मों में दिखाया गया है. लेकिन इस पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं जिसमें मेटामेटरियल्स एक प्रमुख तकनीक है जो कई क्षेत्रों में एक बड़ा आकर्षण बनती जा रही है.

“रिमोटली माइंड कंट्रोल मेटासर्फेस वाया ब्रेनवेव्स“ शीर्षक वाले शोधपत्र में वैज्ञानिकों ने बताया है कि उनका अध्ययन वास्तविक समय में, दूर से, बिना तार के मेटामटेरियल को दिमाग से नियंत्रित करने कि दिशा में पहला कदम है. यह तकनीक दूरप्रेरण या टेलीकाइनेसिस कहलाती है जिसमें केवल सोच के ही वस्तु को दूर तक पहुंचाया जा सकता है.

ऑन साइट प्रोग्रामिंग के जिले प्रोग्राम की जा सकने वाली परासतहें (PMs) में बहुल या बदले जा सकने वाले कार्य होते हैं जिन्होंने सेंसर्स या फिर सॉफ्टवेयर से चलाया जा सकता है. इस में स्वतः अनुकूलनीयता प्रतिक्रिया की दर तो बहुत ज्यादा बेहतर कर देती है जिससे मानवीय दखल की जरूरत नहीं होती है.

बिना तार के ही, ब्लूटूथ के जरिए यूजर से कंट्रोलर तक दिमाग की तरंगों को प्रसारित किया. इसका लक्ष्य यूजर की मस्तिष्क तरंगों का परापदार्थों की विद्युतचंबकीय प्रतिक्रिया को नियंत्रित करना था. इस रास्ते के जरिए शोधकर्ताओं के सिम्यूलेशन और परीक्षणों ने दर्शाया कि यूजर दिमाग की तरंगों के जरिए ऐसा कर सकता है. शोधकर्ता अब इस तकनीक पर गहराई और विस्तार से काम कर रहे हैं.

एयरफोर्स इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रोफेस शाओबो क्यू एवं जियाफू वांग, और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के वैज्ञानिक चेंग वेंग कियू की अगुआई में हुए यह शोध ईलाइट जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस तथ्य का उपयोग किया है कि जब भी इंसान कुछ सोचता है तो उसके मस्तिष्क से तरंगें (Brainwaves) निकलती हैं. शोधकर्ताओं ने उन्ही को परासतहों के ले नियंत्रण संकेतों के रूप में उपयोग को संभव बताया है.

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