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कोरोनाविज्ञान

अब दो गज की दूरी भी नहीं बचा सकती कोरोना से! जानिए नई CDC गाइडलाइन्स


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नई दिल्ली – देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण अब करीब सभी राज्यों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है। संक्रमण के नए केस के साथ मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले सप्ताह भारत में संक्रमण के 27 लाख से ज्यादा नए मामले और 27 हजार से ज्यादा मौतें हुईं, जो अब तक का सबसे अधिक है।

इधर कोरोना से लड़ने के लिए दो गज की दूरी यानि छ: फीट की दूरी पर रहना प्रोटोकॉल के तहत जरूरी बताया जाता है। लेकिन, नए सीडीसी गाइडलाइन्स में छ: फीट की दूरी को कोरोना से बचने के लिए पर्याप्त नहीं बताया गया है। सीडीसी अमेरिका की नामचीन संस्था है जिसे सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के नाम से जाना जाता है और यह संस्था माहमारी और गंभीर रोगों पर बेहतरीन रिसर्च के लिए जानी जाती है। दरअसल अमेरिका की सीडीसी अपने पुराने गाइडलाइन्स से अब अलग हटकर बात करने को मजबूर हो गई है।

पहले ये कहती थी कि ज्यादातर संक्रमण नजदीक के लोगों से और सतह को छूने से होता है। लेकिन, सीडीसी के नए गाइडलाइन्स के मुताबिक एयरबॉर्न वायरस एक मीटर की दूरी पर भी दूसरे शख्स को संक्रमित कर सकता है। ताजा शोध में पता चला है कि वायरस मिस्ट पार्टिकल के रूप में ट्रांसमिट होने के साथ-साथ प्रसार करता है। ऐसा तब होता है जब संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस के जरिए रेस्पिरेट्री फ्लूड बाहर छोड़ा जाता है। हवा में सांस के द्वारा छोड़ा जाने वाला वायरस मिस्ट पार्टिकल के रूप में काफी समय तक तैरता रहता है।

शोध में बताया गया है कि मुख्यतौर पर लोग संक्रमित रेस्पिरेट्री फ्लूड से होते हैं जिसमें संक्रमण करने की क्षमता रखने वाला वायरस मौजूद रहता है। बंद चारदिवारी और खराब वेंटिलेशन वाली जगहों पर एरोसॉल हवा में काफी देर तक तैरता रहता है और एक मीटर से ज्यादा दूरी तक हवा में तैरकर ये लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। इसलिए सीडीसी गाइडलाइन्स उन नियमों को इंडोर्स करता है जिसके तहत क्लोज्ड परिवार में लोगों को मास्क के साथ-साथ दूरियां और प्रॉपर वेंटिलेशन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

युएस के कॉलेज और स्कूलों में 3 फीट की दूरी रखकर पढ़ाई शुरू करने की बातों पर राय अलग होंगी। इस गाइडलाइंस के बाद अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनियां की सोच और व्यवहार में कई परिवर्तन देखा जा सकता है। ज़ाहिर है जिस कोरोना के वायरस को एक्सपर्टस मोटू वायरस तक करार दे रहे थे यानि की साइज और आकार में वह इतना बड़ा माना जाता था कि उसका छ: फीट या दो गज की दूरी तय करना उसके लिए आसान नहीं माना जाता था. लेकिन वही वायरस म्यूटेट कर इतना छोटा हो गया है कि काफी देर तक हवा में रहकर वो 1 मीटर की दूरी का सफर तय करने में सक्षम हो गया है। ऐसे में कोरोना से लड़ाई के तौर तरीकों में परिवर्तन करना बेहद अहम हो गया है और सीडीसी ने नए गाइलाइंस में इन्हीं बातों की ओर साफ-साफ इशारा किया है।

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