मुंबई – हालही में फोर्ब्स ने साल 2021 के 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची (इंडिया रिच लिस्ट 2021) जारी की थी। लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी 2008 से लगातार 14वें साल नंबर वन भारतीय अरबपति बने हुए है। उनकी सिद्धियों में एक और सिद्धि जुड़ चुकी है।
RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर लोगों के खास क्लब का हिस्सा बन गए है। इस सूची में जेफ बेजोस और एलन मस्क जैसे दिग्गज कारोबारी शामिल है। मुकेश अंबानी, एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति, जेफ बेजोस और एलन मस्क के साथ दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में कम से कम 100 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ शामिल हो गये है। इस क्लब में केवल 11 लोग मौजूद है। जिसमे से एक नाम मुकेश अंबानी का भी है। उनकी नेटवर्थ 100.6 अरब डॉलर है। इस साल उनकी दौलत में 23.8 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। रिलायंस समूह की जियो प्लेटफॉर्म्स और रिलायंस रिटेल में कई वैश्विक कंपनियों ने निवेश किया था, जिससे उनकी संपत्ति में इजाफा हुआ है। फ़िलहाल उनके समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर शुक्रवार को स्टॉक एक्सेंज में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
ब्लूमबर्ग इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क की संपत्ति बढ़कर 222 अरब डॉलर हो चुकी है, जबकि जेफ बेजोस की संपत्ति इस वक्त 191 अरब डॉलर है। वहीं, 156 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर बर्नर्ड अर्नल्ट है, जबकि 128 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बिल गेट्स चौथे नंबर पर है।
64 साल के हो चुके मुकेश अंबानी अब ऊर्जा कारोबार के बाद अब रिटेल सेक्टर, टेक्नोलॉजी सेक्टर और ई- कॉमर्स सेक्टर में भी अपना पांव तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही मुकेश अंबानी ने साल 2016 में जियो की नींव रखी थी, जो अब भारत के हर गांव -हर शहर तक अपनी पैठ बना चुका है और भारतीय बाजार का सबसे बड़ा खिलाड़ी है। भारत में डिजिटल क्रांति का जनक जियो मोबाइल नेटवर्क को ही कहा जाता है।
अंबानी ने जून में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा जोर दिया था। उन्होंने तीन सालों के दौरान करीब 10 अरब डॉलर के निवेश की योजना का ऐलान किया था। पिछले महीने उनकी कंपनी सस्ती ग्रीन ऑक्सीजन के उत्पादन पर बड़ी मेहनत के साथ काम करेगी। उनकी यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को साफ फ्यूल का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की महत्वकांक्षी योजना के मुताबिक है। इसका मकसद जलवायु परिवर्तन से लड़ना और दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल कंज्यूमर भारत द्वारा अपने एनर्जी इंपोर्ट को घटाना है। अंबानी का ऑयल टू कैमिकल बिजनेस अब एक अलग इकाई है, और कंपनी की सऊदी अरब की तेल कंपनी को निवेशक के तौर पर लाने को लेकर बातचीत जारी है।