दुनिया की बहुत बड़ी आबादी के पास पीने का साफ पानी नहीं है: यूएन
नई दिल्ली: दुनिया भर में हर साल लाखों लोग गंदे पानी के कारण टाइफाइड से संक्रमित हो जाते हैं जब साल 2050 तक दुनिया की आबादी को पानी मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती होगी। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर 75% पानी है। फिर भी दुनिया के कई देश पानी की कमी से जूझ रहे हैं। दुनिया में कई देश और शहर हैं जहां लोगों को पीने के पानी और अपनी अन्य जरूरतों के लिए पानी के लिए कई मील का सफर तय करना पड़ता है। इतनी लंबी दूरी के बाद भी उन्हें साफ पानी नहीं मिल पाता है। यह हमारी दुनिया की विडंबना है।
संयुक्त राष्ट्र इस समस्या के बारे में लोगों को चेतावनी देता रहा है। संयुक्त राष्ट्र भी पानी की समस्या से निपटने के लिए काफी मेहनत कर रहा है, लेकिन समस्या बढ़ती ही जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर की बड़ी जनसंखया के पास पर्याप्त पानी नहीं है। दुनिया भर में हर साल लाखों लोग गंदे पानी की वजह से टाइफाइड से संक्रमित हो जाते हैं।
2006 की संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध था लेकिन भ्रष्टाचार और कमियों के कारण इसे लोगों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका। ये रिपोर्ट नौकरशाही पर सवाल उठाती है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक पेयजल व अन्य जरूरतों के लिए पानी उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती होगी। जलवायु परिवर्तन भी पानी की समस्या का एक प्रमुख कारण है। इसके लिए दुनिया को लगातार चेतावनी दी जा रही है.। भारत समेत कई देशों ने भी जलवायु परिवर्तन की दिशा में तरह-तरह के कदम उठाए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पानी की खपत का 69% सिंचाई के लिए, 22% घरेलू काम के लिए और 11% उद्योग के लिए उपयोग किया जाता है। भारत सहित दस देश दुनिया के 72% पानी का उपयोग करते हैं। इन दस देशों में भारत, चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, ईरान, बांग्लादेश, मैक्सिको, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और इटली शामिल हैं।