कामदा एकादशी की तिथि और पूजा विधि के बारे में
नई दिल्ली – 19 अप्रैल को चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और शुक्रवार का दिन है. एकादशी तिथि शुक्रवार रात 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. 19 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 44 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा. साथ ही शुक्रवार सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक मघा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र लग जाएगा. इसके अलावा 19 अप्रैल को कामदा एकादशी व्रत है. आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए शुक्रवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय.
कामदा एकादशी कब है
पंचांग के अनुसार, इस साल कामदा एकादशी का व्रत 19 अप्रैल, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा इस एकादशी की तिथि का आरंभ 18 अप्रैल की शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 19 अप्रैल रात 8 बजकर 5 मिनट पर हो जाएगा. चलते एकादशी का व्रत 19 अप्रैल के दिन ही रखा जाना है. एकादशी का पूरा दिन ही पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है.कामदा एकादशी व्रत (Kamada Ekadashi Vrat) का पारण 20 अप्रैल सुबह 5 बजकर 50 मिनट से सुबह 8 बजकर 26 मिनट के बीच किया जा सकता है. इस शुभ मुहूर्त में एकादशी का व्रत खोला जा सकता है.
19 अप्रैल 2024 का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि- 19 अप्रैल 2024 को रात 8 बजकर 5 मिनट तक
वृद्धि योग- 19 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 44 मिनट तक
मघा नक्षत्र- 19 अप्रैल 2024 को सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक मघा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र लग जाएगा
19 अप्रैल 2024 व्रत-त्यौहार- कामदा एकादशी व्रत
कामदा एकादशी की पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान विष्णु का स्मरण करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. पूजा करने के लिए मंदिर या पूजा स्थल पर चौकी सजाई जाती है और उसपर श्रीहरि की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाने के बाद प्रतिमा उसपर रखी जाती है. इसके बाद लोटे में साफ जल भरकर रखा जाता है और पूजा सामग्री (Puja Samagri) में तिल, रोली, अक्षत, दीप, धूप, पंचामृत, फल, फूल और दूध सम्मिलित किए जाते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती की जाती है और व्रत की कथा सुनते हैं. भोग लगाने के बाद सभी में प्रसाद का वितरण किया जाता है और पूजा संपन्न की जाती है.