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कीमोथेरेपी से पहले ही हिना खान ने कटवाये अपने सिर के बाल,जानें कैंसर मरीज क्यों हो जाते हैं गंजे

नई दिल्लीः इन दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस हिना खान के ब्रेस्ट कैंसर की चर्चा चारों ओर हो रही है. TV एक्ट्रेस हिना खान ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है और पहली कीमोथैरेपी के बाद ही उन्होंने अपने सिर के बाल हटा लिए हैं. टीवी एक्ट्रेस हिना खान ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है, इस बात की जानकारी उन्हें एक अवार्ड फंक्शन के दौरान हुई थी, एक तरफ जहां हिना खान ने बाल कटवाने का एक वीडियो शेयर किया है, तो वहीं लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि आख़िर कीमोथैरेपी के पहले ही लोग अपने बाल छोटे करने का या गंजा होने का फ़ैसला क्यों करते हैं? आइए हम आपको बताते हैं, इसके पीछे की वजह?

रेडिएशन थेरपी भी बालों के झड़ने की वजह

कैंसर के इलाज के दौरान ज़्यादातर मरीज़ों को बाल झड़ने की समस्या होती है. इसका कारण कीमोथेरेपी होता है कि वो तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को टार्गेट करती है, जो बालों की जड़ों को नुक़सान पहुंचाती है और बाल गिरने लगते हैं, कई बार रेडिएशन थेरपी भी बालों के झड़ने की वजह बन जाती है.

कीमोथेरेपी के दौरान बालों की देखभाल

आम तौर पर कीमोथेरेपी शुरू करने के तीन से चार सप्ताह बाद बालों का झड़ना शुरू हो जाता है. ऐसे में बालों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. इसमें हल्के शैंपू और कंडीशनर का उपयोग करना और अत्यधिक ब्रश करने या स्टाइल करने से बचना के साथ स्कैल्प को स्वस्थ रखने और सूखापन या खुजली को कम करने के लिए उसे मॉइस्चराइज करना शामिल है.

कैंसर दवाओं के ख़ास मिश्रण की वजह से

इस तरह के कीमोथेरेपी इलाज में कैंसर दवाओं के ख़ास मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे सभी कीमो थेरेपी मरीज़ों में तेज़ी से बाल झड़ना महसूस नहीं होता है. कैंसर इलाज में बाल झड़ने के अलावा बालों को पतला होना या गंजापन भी हो सकता है.

पहले झड़ते हैं सिर के बाल

बाल झड़ने की समस्या आमतौर पर करीब तीन हफ़्ते बात नज़र आती है, सबसे पहले सिर के बाल जाते हैं और फिर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे अंगों के बाल गिरने लगते हैं, लेकिन हर मरीज पर इसका असर अलग अलग रूप से देखने को मिलता है.

क्या नॉर्मल होती है कीमोथेरेपी के बाद बाल की ग्रोथ?

अच्छी खबर यह है कि कीमोथेरेपी से बालों का झड़ना आमतौर पर अस्थायी होता है. उपचार पूरा करने के कुछ हफ्तों बाद बाल फिर से बढ़ने लगते हैं, हालांकि नए बालों की शुरुआत में एक अलग बनावट या रंग हो सकता है. समय के साथ, अधिकांश रोगियों को पता चलता है कि उनके बाल अपनी पूर्व-कीमोथेरेपी स्थिति में लौट आते हैं.

दवाइयों के साइड अफेक्ट से भी झड़ने लगते हैं बाल

कीमोथैरेपी से हमेशा के लिए बाल नहीं जाते हैं. कई बार दवाइयों के साइड अफेक्ट के तौर पर भी बाल झड़ने लगते हैं लेकिन 3-4 महीनों में बाल वापस आने लगते हैं और स्कैल्प पर भी बाल नजर आने लगते हैं.

क्या कीमोथेरेपी से पहले बाल कटवाना जरूरी?

कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले अपने सभी बाल काटना एक व्यक्तिगत पसंद है न कि एक चिकित्सा आवश्यकता. कुछ लोग कीमोथेरेपी से पहले अपने बाल काटने का विकल्प चुनते हैं. इसका कारण ये हो सकता है

  • बालों का झड़ना शुरू होने से पहले अपना सिर मुंडवा लेना अन्यथा अनियंत्रित स्थिति पर नियंत्रण की भावना प्रदान कर सकता है.
  • जैसे ही बाल गिरने लगते हैं, यह गड़बड़ और असुविधा पैदा कर सकता है. छोटे बाल इस समस्या को कम कर सकते हैं.
  • छोटे बालों के साथ, झड़ने की प्रक्रिया कम ध्यान देने योग्य हो सकती है, जिससे भावनात्मक प्रभाव कम हो जाता है.

किमोथेरेपी के दूसरे साइड इफेक्ट्स

थकान- कीमोथेरेपी से गुजरने वाले लगभग सभी रोगियों को थकान का अनुभव होता है, जो दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है.

मतली और उल्टी- ये आम हैं और उपचार के तुरंत बाद हो सकते हैं या कुछ दिनों तक भी बने रह सकते हैं.

भूख की कमी- स्वाद और गंध बदलाव, साथ ही मतली, भूख में कमी का कारण बन सकती है.

मुंह के घाव- म्यूकोसाइटिस के रूप में भी जाना जाता है, ये दर्दनाक घाव खाने और पीने को प्रभावित कर सकते हैं जिससे भोजन का सेवन कम हो जाता है.

दस्त या कब्ज- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट पर कीमोथेरेपी के प्रभाव के कारण पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

ब्लड सेल्स काउंट में गिरावट- कीमोथेरेपी रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को कम कर सकती है, जिससे एनीमिया, संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और आसानी से चोट लगना या ब्लीडिंग हो सकता है.

संज्ञानात्मक परिवर्तन- कभी-कभी ‘कीमो ब्रेन’ के रूप में संदर्भित, रोगियों को स्मृति में कमी और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है.

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