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शहबाज शरीफ एक बार फिर संभालेंगे पाकिस्तान की कमान


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नई दिल्लीः शहबाज शरीफ आज यानी 04 मार्च को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। यह उनका प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरा कार्यकाल होने वाला है। देश के सामने आने वाली चौंका देने वाली आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों के बीच 2022 के बाद वह दूसरी बार देश की बागडोर संभालेंगे।राष्ट्रपति आरिफ अल्वी दोपहर में राष्ट्रपति आवास पर आयोजित एक समारोह में शहबाज शरीफ को शपथ दिलाएंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच गठबंधन सरकार बनाने के लिए सत्ता-साझाकरण समझौते पर सहमति बनने के कुछ दिनों बाद हो रहा है।

अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक संभाला पीएम पद

पिछले महीने आम चुनाव कराने के लिए संसद भंग होने से पहले शहबाज ने अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर, सभी चार प्रांतों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों के शामिल होने की उम्मीद है।

समारोह में नवाज और मरियम रहे मौजूद

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। शहबाज शरीफ इससे पहले अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री थे।

नवनिर्वाचित संसद में मिला बहुमत

रविवार को विपक्ष की नारेबाजी के बीच शहबाज ने नवनिर्वाचित संसद में बहुमत हासिल कर लिया। पीएमएल-एन और पीपीपी के सर्वसम्मत उम्मीदवार शहबाज को 336 सदस्यीय संसद में 201 वोट मिले। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को महज 92 वोट मिले। वोटों में धांधली के आरोपों से घिरे 8 फरवरी के चुनावों में, शरीफ के नेतृत्व वाली पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल करने में विफल रही थी।

अल्वी ने शपथ दिलाने से किया था इनकार

राष्ट्रपति अल्वी ने 2022 में शहबाज शरीफ को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था। तब सीनेट के अध्यक्ष के सादिक संजरानी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई थी। अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान की सरकार को गिराने के बाद शहबाज पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। राष्ट्रपति बनने से पहले अल्वी इमरान की पीटीआई पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं।

कई पार्टियों का मिला समर्थन

एक राजनीतिज्ञ और अच्छे प्रशासक के रूप में जाने जाने वाले शहबाज को उनके बड़े भाई और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री ने गठबंधन सरकार के गठन पर अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत करने का काम सौंपा था। पीपीपी के अलावा, शहबाज को मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू), बलूचिस्तान अवामी पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जेड), इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी और नेशनल पार्टी का समर्थन मिला है।

कई चुनौतियों का करना होगा सामना

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नए नेता को नकदी संकट से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था और प्रशासन में सुधार के लिए कठिन निर्णय लेने होंगे। मतदान के बाद अपने पहले भाषण में शहबाज ने संघर्षरत अर्थव्यवस्था के बारे में बात की और कहा कि देश को वित्तीय कठिनाइयों से छुटकारा दिलाने के लिए सुधारों की आवश्यकता होगी। उसे शांति और स्थिरता के लिए अपने पड़ोसियों के साथ भी रिश्ते सुधारने चाहिए।

सुरक्षा स्थिति की हालत भी खराब

हाल के महीनों में पाकिस्तान तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा आतंकवादी हमलों में वृद्धि के साथ, देश की सुरक्षा स्थिति भी खराब हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री (2008-2013 और 2013-2018) के रूप में शहबाज के लगातार दो कार्यकालों के दौरान, सबसे अधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत में अंडरपास, ओवरहेड ब्रिज और जन पारगमन प्रणालियों का एक नेटवर्क पेश किया गया था और रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था।

सऊदी क्राउन प्रिंस ने दी बधाई

सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फोन कॉल पर शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी और पाकिस्तान के लोगों की प्रगति की कामना की है.

कतर के अमीर और प्रधानमंत्री ने किया फोन

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान ने शहबाज शरीफ को दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने पर फोन कर बधाई दी और दोनों देशों के संबंधों के विकास और वृद्धि की कामना की.

‘पाकिस्तान ने उठाई फिलिस्तीन की अवाज’

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक बयान जारी कर प्रधानमंत्री पद संभालने पर बधाई दी है. साथ ही बयान में ये भी कहा “फिलिस्तीन और पाकिस्तान एक ऐतिहासिक और मजबूत बंधन में बंधे हैं, पाकिस्तान हमेशा फिलिस्तीन की जनता के लिए अवाज उठाता रहा है.”

ताजिकिस्तान के PM ने भी दी बधाई

ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने भी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मुबारकबाद दी, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश आपसी साझेदारी से देशों के बीच के रिशतों को मजबूत करेंगे. शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा कि ताजिकिस्तान और पाकिस्तान की दोस्ती, आपसी समझ, सम्मान और विश्वास की लंबी परंपराओं से जुड़े हुई हैं.

पाकिस्तान में कमजोर सरकार

विदेश मामलों के विशेषज्ञ सी राजा मोहन ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे एक लेख में बताया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन का रुख भले ही भारत से रिश्ते जोड़ने पर सकारात्मक है लेकिन ये बात भी सच है कि शहबाज शरीफ कई पार्टियों के साथ जोड़तोड़ की सरकार चला रहे हैं। भारत के साथ रिश्ते जोड़ने में ये सबसे बड़ी बाधा है। पाकिस्तान की राजनीति में भारत विरोध का मुद्दा अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में शहबाज शरीफ को भारत से बातचीत के मुद्दे पर दूसरे सहयोगियों का साथ मिलना मुश्किल है और वे रिस्क भी नहीं उठाना चाहेंगे। उसके मुकाबले भारत में मजबूत सरकार रखने वाले पीएम मोदी के लिए ये रिस्क उठाना आसान होगा।

आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत नहीं जुटा पाई पीएमएल-एन

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच सत्ता साझेदारी पर सहमति बनने के कुछ दिनों बाद शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। रविवार को शहबाज शरीफ ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच नवनिर्वाचित संसद में बहुमत हासिल कर लिया। पीएमएल-एन और पीपीपी के उम्मीदवार शहबाज क 336 सदस्यी संसद में 201 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उमर अयूब खान को 92 वोट मिले। मतदान में हेराफेरी के आरोपों के बीच आठ फरवरी को हुए चुनाव में पीएमएल-एन स्पष्ट बहुमत नहीं जुटाई पाई थी। पार्टी को 75 सीट पर जीत हासिल हुई थी।

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