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क्या है अटलांटिक डाइट? जिसकी मदद से कोलेस्ट्रॉल कम करना होगा आसान


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नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर इन दिनों ‘अटलांटिक डाइट’ की चर्चा है। दुनिया भर के अध्ययनों और विशेषज्ञों के अनुसार यह डाइट न केवल वजन कम करने में सहायक है, बल्कि डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारियों से लड़ने में भी मदद करती है।लाखों लोग अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. हालांकि, आप इसे कम कर सकते हैं. इसके लिए आप अटलांटिक डाइट का सहारा ले सकते हैं.

कोलेस्ट्रॉल कम करना होगा आसान

हर कोई चाहता है कि वो हमेशा फिट रहे. लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में कई सारी ऐसी बीमारियां हैं जो जाने अनजाने हमें घेर लेती हैं। कोलेस्ट्रॉल भी इन्हीं बीमारियों में से एक है. दुनियाभर में लाखों लोग बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कम कर सकते हैं.आप अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल ठीक कर सकते हैं. इसमें आपकी मदद अटलांटिक डाइट (Atlantic Diet) कर सकती है.

पुर्तगाल और स्पेन में होती है फॉलो

पुर्तगाल और स्पेन जैसे देशों में लोग बीमारियों से दूर रहने के लिए Atlantic Diet का सहारा लेते हैं. ये डाइट लोगों को डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारियों और स्ट्रोक से जुड़ी स्वास्थ्य स्थितियों का सामना करने में मदद करती है. इतना ही नहीं ये मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम को काफी हद तक कम कर देती है. बता दें, अगर आप हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे हैं तो हो आपको मेटाबोलिक सिंड्रोम हो सकता है. अगर आपको एकबार मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो जाता हैतो आपको कई सारी बीमारियां घेर सकती हैं.

क्या है अटलांटिक डाइट

‘अटलांटिक डाइट’ फल, सब्जियां, अनाज, मछली, डेयरी उत्पाद और जैतून के तेल जैसे ताजा, मौसमी और स्थानीय खाद्य पदार्थों की खपत पर जोर देती है। इसमें मछली, समुद्री भोजन और कुछ वाइन का सेवन भी शामिल है। इसका उद्देश्य आपकी डाइट में मौसमी, स्थानीय और न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल करना है। ‘अटलांटिक डाइट’ उबालना, भूनना, पकाना और स्टू करना जैसी खाना पकाने की तकनीक को भी प्रोत्साहित करती है।

6 महीने तक की गई रिसर्च

हाल ही में हुई रिसर्च में सामने आया है कि अटलांटिक डाइट आपको कोलेस्ट्रॉल और कमर को कम करने में मदद कर सकती है. 6 महीने तक चली इस रिसर्च में उत्तर-पश्चिमी स्पेन के ग्रामीण समुदायों के 450 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया था. रिसर्च के लिए व्यक्तियों को दो ग्रुप में बांटा गया. इसमें से एक ग्रुप वो था जो अटलांटिक डाइट फॉलो करता था और दूसरा वो जो नॉर्मल डाइट फॉलो करता था.रिसर्च में सामने आया कि अटलांटिक डाइट फॉलो करने वाले प्रतिभागियों के चयापचय (Metabolism Health) में गहरा सुधार हुआ है. न केवल उनकी कमर कम हुई है बल्कि मोटापा भी कम हुआ है. साथ ही उन्होंने कोलेस्ट्रॉल के लेवल में भी बदलाव देखा है.

‘अटलांटिक डाइट’ वजन घटाने में मददगार

जो लोग जल्द से जल्द वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए ‘अटलांटिक डाइट’ एक अच्छा विकल्प हो सकती है। JAMA Network Open में प्रकाशित एक शोध इसकी पुष्टि करता है।

मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचाव करती है ये डाइट

अगर आप हृदय रोग, मधुमेह, और स्ट्रोक की परेशानी से जूझते हैं तो ‘अटलांटिक डाइट’ इनके खतरे को कम करने में मदद कर सकती है। ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल मेंटेन रखती है।

दिल को हेल्दी रख सकती है ‘अटलांटिक डाइट’

‘अटलांटिक डाइट’ को अपनाने से हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। क्योंकि इसमें संपूर्ण खाद्य पदार्थ, वसायुक्त मछली और जैतून का तेल इत्यादि का सेवन होता है।

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