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Startup India की वजह से देश के स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जायेगा


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नई दिल्ली – स्टार्टअप इंडिया (Startup India) के तहत चलाई जा रही फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स स्कीम यानी एफएफएस (FFS) स्कीम ने स्टार्टअप (Startup) को खूब बढ़ावा दिया है. FFS स्कीम की शुरुआत पीएम मोदी ने जनवरी 2016 में की थी, ताकि देश के स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा सके. इस फंड के जरिए 938 स्टार्टअप्स को कुल मिलाकर 17,534 करोड़ रुपये की मदद मुहैया कराई गई है. इसकी जानकारी क्रिसिल (CRISIL) असेसमेंट के जरिए मिली है.

इस पहल के मूल में स्मार्टकार्ड योजना निहित है, जिसे स्टार्टअप्स को रियायती दरों पर आवश्यक सहायता सेवाएँ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.इस योजना का उद्देश्य मानव संसाधन, कानूनी सलाह, आईटी बुनियादी ढांचे, मीडिया और प्रचार सहित अपने विकास और संचालन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंचने में स्टार्टअप को बढ़ावा देना है.ऐसे युग में जहां स्टार्टअप को व्यापक समर्थन की आवश्यकता होती है, स्मार्टकार्ड योजना आशा की किरण बनकर उभरती है, जो जरूरतमंद लोगों को अमूल्य सहायता प्रदान करती है.

SISFS इनक्यूबेटरों के माध्यम से आरंभिक चरण के स्टार्ट-अप को वित्तीय सहायता प्रदान करता है. SISFS के पास 945 करोड़ रुपये का एक कॉर्पस है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, 20 इन्क्यूबेटरों, जिनकी लागत 86.10 करोड़ रुपये है, को मंजूरी दी गई है और स्वीकृत इनक्यूबेटर्स के 31 दिसंबर, 2023 तक 43.63 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. FFS की स्थापना वेंचर पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए की गई है और इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा किया जाता है, जो सेबी-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) को पूंजी मुहैया कराता है जो बाद में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं. FFS के पास 10,000 करोड़ रुपये का एक कॉर्पस है. विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए, सिडबी ने 6 AIF को कुल 500 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है और 31 दिसंबर, 2023 तक इन एआईएफ को 384 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.

हाइलाइट किया कि 30 नवंबर 2023 तक 129 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स ने FFS के तहत निवेश कमिटमेंट की हैं. FFS को SIDBI की तरफ से मैनेज किया जाता है. इसका फोकस अर्ली स्टेज फंडिंग पर रहता है. रिपोर्ट के अनुसार जिन स्टार्टअप्स में इसने पैसे लगाए हैं, उनमें से 18 तो यूनिकॉर्न भी बन चुके हैं. इस फंड की जरिए सीधे स्टार्टअप में निवेश नहीं किया जाता है, बल्कि सेबी रजिस्टर्ड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स के जरिए निवेश किया जाता है. यह फंड इक्विटी के जरिए या फिर इक्विटी लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए स्टार्टअप्स में निवेश करता है.

समानांतर में, लॉन्च इवेंट ने स्टार्टअप चैलेंज वेबसाइट पेश की, जो सरकारी विभागों और स्टार्टअप के बीच अंतर को पाटने वाला एक अभिनव मंच है.यह प्लेटफ़ॉर्म निर्बाध संचार और सहयोग की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सरकारी संस्थाओं को स्टार्टअप्स द्वारा पेश किए गए रचनात्मक समाधानों का लाभ उठाने में मदद मिलती है।सरकार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के बीच तालमेल को बढ़ावा देकर, वेबसाइट नवाचार को बढ़ावा देती है और यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी विभाग स्टार्टअप द्वारा लाई गई चपलता और नए दृष्टिकोण से लाभान्वित हों.

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