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शरीर में क्या काम करता है डोपामाइन हार्मोन?, डायट में शामिल करें ये चीज़ें झट से ठीक कर देंगे खराब मूड


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नई दिल्लीः आपके साथ भी कभी न कभी ऐसा जरूर हुआ होगा जब आप बिना किसी बात के उदास हो, या फिर रोने का मन करें लेकिन कोई गंभीर वजह न हो। क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? ऐसा डोपामाइन(Dopamine) नाम के एक हार्मोन के वजह से होता है। डोपामाइन एक हार्मोन है जो शरीर के अधिवृक्क ग्रंथि(Adrenal Gland) में निर्मित होता है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो शरीर और मस्तिष्क में विभिन्न क्रियाओं के कामकाज में एक अहम भूमिका निभाता है। डोपामाइन के कुछ मुख्य कार्य मूवमेंट, मेमोरी, मूड, अटेंशन आदि में योगदान करना है। शरीर में डोपामाइन का पर्याप्त स्तर होना शरीर के लिए आवश्यक होता है।

डोपामाइन फील-गुड हार्मोन

डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमिटर है। इसे फील-गुड हार्मोन भी कहते हैं जो हमारे मूड को अच्छा बनाए रखने, खुशी महसूस कराने वाले और भावनात्मक संतुष्टि के लिए काफी मददगार हैं। खुश रहने के लिए हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले केमिकल्स और हार्मोन्स की भी भूमिका होती है। डोपामाइन भी ऐसा ही एक केमिकल है। डोपामाइन की कमी के कारण पार्किंसन्स डिज़िज़ भी हो जाती है। जो आगे चलकर डिप्रेशन जैसी बीमारियों के लिए संभावनाएं भी बढ़ा देती है। इसीलिए शरीर में डोपामाइन का स्तर बढ़ाना मददगार साबित हो सकता है।

शरीर में क्या काम करता है डोपामाइन हार्मोन

कभी-कभी आप बहुत खूश क्यों रहते हैं? यह डोपामाइन कि बड़ी मात्रा में रिलीज होने के कारण होता है। वहीं, जब आप बिना किसी बात के उदास होते हैं या आपका मूड खराब होता है, तब यह डोपामाइन के निम्न स्तर पर रिलीज होने के कारण होता है। हालांकि डोपामाइन का स्तर आमतौर पर तंत्रिका तंत्र के भीतर अच्छी तरह से नियंत्रित होता है, लेकिन कुछ चीजें जिसके मदद से आप इसके स्तर को बढ़ा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहें इसका ज्यादा मात्रा में रिलीज होना आपके लिए कई गंभीर बीमारियों की शुरुआत हो सकती है।

डायट में शामिल करें ये चीज़ें जो नैचुरली बढ़ाती हैं डोपामाइन

ग्रीन टी पीने से बढ़ता है डोपामाइन

जहां ग्रीन टी सेहत के लिए कई लिहाज से फायदेमंद मानी जाती हैं, वहीं एक फायदा है कि यह सेरोटोनिन (serotonin) का स्तर बढ़ाने में मदद करती है। यह एक न्यूरोट्रांसमिटर है जो दिमाग में डोपामाइन का स्तर बढ़ाने में मदद करता है, और आपको खुशहाल महसूस कराता है।

नट्स और सीड्स करते हैं मूड ठीक

आपके गो-टू हाई प्रोटीन स्नैक में एक प्रमुख अमीनो एसिड भी होता है जो डोपामाइन के साथ काम करता है। एनसीबीआई में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, नट्स और बीजों में एल-टायरोसिन होता है, जिसे टायरोसिन कहा जाता है, और जब टायरोसिन टूट जाता है, तो यह डोपामाइन में परिवर्तित हो जाता है। मूंगफली, बादाम, कद्दू के बीज और तिल विशेष रूप से टाइरोसिन के बेहतर स्रोत हैं, इसलिए जब आप खुशी बढ़ाने वाले स्नैक की तलाश में हों तो नट बटर और ट्रेल मिक्स लें।

स्ट्रेस-फ्री रहने के लिए खाएं हल्दी:

भारतीय रसोइयों में जहां हल्दी काफी ज़्यादा इस्तेमाल होती है वहीं यह एक औषधि के रूप में भी पसंद की जाती है। कुछ स्टडीज़ में यह बात कही गयी है कि रोज़ाना 10-80 मिग्रा हल्दी का सेवन करने से सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर में बढ़ोतरी होती है। इसीलिए सुस्ती, थकान या डिप्रेशन जैसी चीज़ों से निपटने के लिए अपने भोजन में हल्दी की मात्रा बढ़ा दें।

​डेयरी प्रोडक्ट्स करते हैं डोपामाइन को बूस्ट

इनमें पनीर, दूध और दही जैसे रोजमर्रा के खाद्य पदार्थ शामिल हैं। पनीर में टायरामाइन होता है, जो मानव शरीर में डोपामाइन में परिवर्तित हो जाता है। दही जैसे प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थ भी डोपामाइन के स्तर को बढ़ाते हैं। ऐसे में यदि आप तनाव में हैं तो डेयरी प्रोडक्ट्स आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

कॉफी रखता है मूड को फ्रेश एंड हैप्पी

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन के अनुसार, कॉफी में मौजूद कैफीन मस्तिष्क में डोपामाइन को सिंगल देने का काम करता है। मस्तिष्क में कैफीन का मुख्य लक्ष्य एडेनोसाइन (एक मस्तिष्क रसायन जो मस्तिष्क की गतिविधि को कम करता है) रिसेप्टर्स हैं। यह इन रिसेप्टर्स पर काम करता है और घटनाओं की एक श्रृंखला को सेट करता है, जो अंततः डोपामाइन के स्तर को प्रभावित करता है और हेप्पीनेस और सोच से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्रों को एक्टिव करता है।

केला भरता है पेट और तनाव करता है कम

कम्फर्ट फूड के नाम से जाने जाना वाला केला भी डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने का काम करता है। रोज़ाना केला खाने से मूड बेहतर रहता है और लोग खुशहाल महसूस करते हैं। साथ ही केले में एंटी-ऑक्सिडेटिव तत्व भी होते हैं, जो तनाव कम करते हैं।

डार्क चॉकलेट नहीं होने देगा आपका मूड ऑफ

चॉकलेट में थोड़ी मात्रा में फेनिलथाइलामाइन (पीईए) होता है। ये एक यौगिक है, जो हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को डोपामाइन जारी करने के लिए संकेत देता है। ऐसे में डार्क चॉकलेट खाने के बाद डोपामाइन रिलीज होता है और आप अच्छा अनुभव करते हैं

​हरे पत्ते वाली सब्जियां है डोपामाइन बूस्टर

हरी पत्तेदार सब्जियों को वैज्ञानिक रूप से क्रूसिफेरस वेजिटेबल ग्रुप कहा जाता है, जिसमें लेट्यूस, पालक, गोभी, केल, फूलगोभी, ब्रोकली और कई अन्य शामिल हैं। वे शाकाहारियों के लिए मुख्य डोपामाइन बूस्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं।

पालक

पालक में विटामिन बी9 होता है, जो डोंपामिन के उत्पादन में मदद करता है. एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से पालक का सेवन करते हैं, उनमें मूड में सुधार होता है और तनाव कम होता है.

एवोकैडो

एवोकैडो में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो डोंपामिन लेवल को बूस्ट करने में मदद करते हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से एवोकैडो का सेवन करते हैं, उनमें अवसाद का खतरा कम होता है.

अखरोट

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो डोंपामिन लेवल को बूस्ट करने में मदद करते हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से अखरोट का सेवन करते हैं, उनमें अवसाद का खतरा कम होता है.

साबुत अनाज

साबुत अनाज में फाइबर होता है, जो डोंपामिन के उत्पादन में मदद करता है. एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से साबुत अनाज का सेवन करते हैं, उनमें मूड में सुधार होता है और तनाव कम होता है.

डोपामाइन लेवल को नेचुरल तरीके से कैसे बढ़ाएं:

संगीत सुनें

संगीत सुनना डोपामाइन उत्पादन को बढ़ावा देने और बेहतर मस्तिष्क कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सिद्ध हुआ है. रिदम और सिन्क्रोनाइजेशन की बीट ब्रेन में प्लेजर और रिवार्ड एक्टिविटी को बढ़ाती है. ये एक्टिविटीज शरीर में डोपामाइन को और बढ़ाती हैं. वास्तव में पार्किंसंस रोग से पीड़ित लोगों के लिए संगीत सुनना बेहतर मोटर नियंत्रण साबित हुआ है.

अच्छा खाएं

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हम जो खाते हैं उसका प्रभाव हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे दिमाग पर भी पड़ता है. इसके अलावा, कुछ फूड्स, खासकर से ‘हैप्पी हार्मोन’ को बढ़ाने से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. उदाहरण के लिए ग्लूटेन फ्री फूड्स खाने से सेरोटोनिन रिलीज होता है. अमीनो एसिड से भरपूर फूड्स भी डोपामाइन उत्पादन को बढ़ाते हैं. कॉफी जैसे हाई-कैफीन ड्रिंक पीने से भी सबसे अधिक डोपामाइन होता है और यह तुरंत ऊर्जा को बढ़ावा देता है.

अच्छी नींद लें

शरीर और दिमाग के लिए पर्याप्त आराम करना बहुत जरूरी है. जब हम अच्छी नींद लेते हैं, तो मस्तिष्क के पास रिचार्ज और रीसेट करने का समय होता है. वास्तव में, अध्ययनों से पता चलता है कि रात की अच्छी नींद लेने से भी डोपामाइन का उत्पादन बढ़ता है. दूसरी ओर, लंबे समय तक नींद की कमी या खराब नींद डोपामाइन रिसेप्टर्स पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. यह आपको कई मूड विकारों से ग्रस्त कर सकता है.

नियमित रूप से कसरत करें

कुछ फूड्स के समान वर्कआउट करने से डोपामाइन सहित कई ‘हैप्पी हार्मोन’ का उत्पादन तुरंत बढ़ जाता है. वास्तव में एक कसरत के बाद हैप्पी हार्मोन तुरंत रिलाज होने को ‘रनर हाई’ भी कहा जाता है क्योंकि यह आपको कुल मिलाकर ऊर्जावान, उत्साहित और खुश महसूस कराता है.

मनोरंजक दवाओं और शराब से बचें

हालांकि मनोरंजक दवाएं और अल्कोहल हैप्पी हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाते हैं, लेकिन इनका लंबे समय तक उपयोग वास्तव में इसके प्राकृतिक उत्पादन में बाधा उत्पन्न कर सकता है. इसलिए, जब हम इनका सेवन करते हैं तो हम खुश और ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं लेकिन लंबे समय में यह शरीर में इन हार्मोनों के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है.

ध्यान

मानसिक स्वास्थ्य और वेलबीइंग में सुधार के लिए ध्यान सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है. ध्यान न केवल डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है बल्कि बेहतर मेमोरी, समन्वय में सुधार, तनाव और अन्य मूड संबंधी विकारों को कम करने आदि के लिए भी साबित हुआ है.

सोशल एक्टिविटी

मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं. हमारे मस्तिष्क को ठीक से काम करने और सही मात्रा में हार्मोन और अन्य तत्वों का उत्पादन करने के लिए मस्तिष्क को सोशल एक्टिविटी की जरूरत होती है. लोगों से बात करना नई जगहों पर जाना आदि सभी डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं. इसके साथ ही यह दिमाग को वर्कआउट करने में भी मदद करता है.

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