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Vijay Diwas 2023: 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत,पाकिस्‍तानी सेना ने टेक दिए थे घुटने


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नई दिल्ली – आज 16 दिसंबर है. भारत के इतिहास में शौर्य दिवस के रूप में दर्ज वो तारीख जो पाकिस्तान को सबसे अधिक खटकती है. आज ही के दिन साल 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और दक्षिण एशिया में एक नए देश बांग्लादेश का स्वतंत्र अस्तित्व सामने आया था.इस युद्ध में भारतीय सेना के पराक्रम की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होगी. सिर्फ 13 दिनों की लड़ाई में पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिए थे. हालांकि उस समय भी भारत को अपने सबसे विश्वस्त मित्र राष्ट्र इजरायल से मदद मिली थी.

पीएम मोदी ने शेयर की पोस्ट

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- आज विजय दिवस पर हम उन सभी बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने 1971 में भारत की सेवा करते हुए एक निर्णायक जीत सुनिश्चित की थी.पीएम ने आगे लिखा कि उनकी वीरता और समर्पण देश के लिए बेहद गर्व का स्रोत है.उनके बलिदान और अटूट भावना हमेशा लोगों के दिलों और हमारे राष्ट्र के इतिहास में अंकित रहेगी,भारत उनके साहस को सलाम करता है और उनकी अदम्य भावना को याद करता है.

पाकिस्तान में 1970 के दौरान चुनाव

पाकिस्तान में 1970 के दौरान चुनाव हुए थे, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान आवामी लीग ने बड़ी संख्या में सीटें जीती और सरकार बनाने का दावा किया, लेकिन जुल्फिकार अली भुट्टो (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) इस बात से सहमत नहीं थे, इसलिए उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया था. उस समय हालात इतने खराब हो गए थे की सेना का प्रयोग करना पड़ा. अवामी लीग के शेख मुजीबुर रहमान जो कि पूर्वी पाकिस्तान के थे को गिरफ्तार कर लिया गया. यहीं से पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच दिक्कतें शुरू हो गई थीं.

पाकिस्तानी सेना ने किया था आत्मसमर्पण

बता दें कि 1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान सेना को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था.भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे और बांग्लादेश नाम का नया देश अस्तिव में आया था.हर साल 16 दिसंबर को देश में विजय दिवस मनाया जाता है.

भारत में उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी

भारत में उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी. पूर्वी पाकिस्तान से शरणार्थी भारत में आ गए थे और उन्हें भारत में सुविधाएं दी जा रही थी क्योंकि वे भारत के पड़ोसी देश से आए थे. इन सबको देखते हुए पाकिस्तान ने भारत पर हमले करने की धमकियां देना शुरू कर दिया था. 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हमला कर दिया.इस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आधी रात को देश को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले की जानकारी दी और साथ ही युद्ध की घोषणा भी की.

इजरायल ने खुद भेजा मदद का प्रस्ताव

तब भी एक लड़ाई हुई थी और आज भी एक लड़ाई मिडल ईस्ट में चल रही है. इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के हमले के बाद से इजरायली सैन्य बल (आईडीएफ) लगातार गाजा पट्टी में जवाबी कार्रवाई कर रहा है और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ उसकी कार्रवाई का समर्थन किया है.दोनों देशों के बीच यह रिश्ता नया नहीं बल्कि सदियों पुराना है. जब-जब युद्ध हुआ और भारत को मदद की जरूरत पड़ी, तब-तब इजरायल हमेशा मदद करने वालों की सूची में आगे खड़ा रहा. बहुत कम लोगों को पता होगा कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी इजरायल ने भारत की मदद की थी. इसकी पेशकश भी इजरायल ने ही की थी. चलिए हम आपको इसकी दिलचस्प कहानी बताते हैं.

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