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संसद की सुरक्षा सेंध में एक और आरोपी गिरफ्तार,हाथ लगे जले मोबाइल फोन


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नई दिल्ली – दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत में कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार ललित झा पूरे षड्यंत्र का सरगना है और वह तथा अन्य आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें. सूत्रों ने कहा कि पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना का नाट्य रूपांतरण करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है. यह घटना 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर हुई थी.

दिल्ली पुलिस ने एक और आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार किया

संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में दिल्ली पुलिस ने एक और आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है. इस मामले अब तक कुल 6 गिरफ्तारी हो चुकी है. इस बीच जांच टीम ने जले हुए मोबाइल के अवशेष, आरोपियों के कपड़े और जूते भी बरामद कर लिए हैं.महेश कुमावत को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने कुमावत को सात दिनों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया. पुलिस ने 15 दिनों की रिमांड मांगी थी. पुलिस ने बताया कि महेश पिछले 2 सालों से दूसरे आरोपियों से जुड़ा हुआ था और वह साजिश का हिस्सा था. लगभग सभी बैठकों में उसने भाग लिया. वह मुख्य आरोपी ललित झा के साथ मोबाइल फोन और सबूत नष्ट करने में सक्रिय रूप से शामिल है.

दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से रिश्तों का शक

पुलिस ने कहा कि इसके अलावा आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या उसका किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध है. जांच की दिशा के बारे में बात करते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे झा को राजस्थान ले जाएंगे, ताकि उस स्थान का पता चल सके जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जला दिए थे. उन्होंने कहा, ‘घटना के बाद वह राजस्थान भाग गया था, जहां वह दो दिन तक रहा और कल रात दिल्ली लौट आया.’

पुलिस पूछताछ में बताया क्या थी योजना

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि विजिटर्स गैलरी से लोकसभा चैंबर में कूदने की योजना तय करने से पहले उन्होंने कई अन्य विकल्पों पर भी विचार किया था.पुलिस ने बताया कि पहले आरोपियों ने अपने शरीर पर फायरप्रूफ जैल लगाकर संसद भवन में खुद को आग लगाने की योजना पर भी विचार किया था लेकिन बाद में ये विचार छोड़ दिया। इसके अलावा आरोपियों ने संसद भवन में पर्चे फेंकने की भी योजना बनाई थी लेकिन आखिरकार उन्होंने लोकसभा में स्मोक कैनिस्टर से रंगीन धुंआ छोड़ना तय किया और बीते बुधवार को वैसा ही किया.

सभी आरोपी कई दिनों से बना रहे थे प्लान

आरोपियों ने दिल्ली पुलिस को बताया कि इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड ललित झा है. सभी आरोपी सोशल मीडिया के जरीए जुड़े थे और एक-दूसरे को काफी दिनों से जानते थे. ये लोग इस घटना को अंजाम देने के लिए कई दिनों से प्लानिंग कर रहे थे.
सदन के अंदर गिरफ्तार हुए मनोरंजन डी ने पुलिस को बताया कि वह मार्च 2023 में संसद भवन की सुरक्षा की रेकी कर के गया और फिर अपना प्लान बनाया. वहीं, सदन के अंदर ही गिरफ्तार हुआ सागर शर्मा भी मार्च महीने में सदन के अंदर जाना चाह रहा था, लेकिन उसे पास नहीं मिला था.पुलिस पूछताछ इन आरोपियों ने कई खुलासे किए. उन्होने बताया कि मार्च में रेकी के दौरान उन्होंने गौर किया कि सदन के अंदर जाने से पहले गहन चेकिंग तो होती है, लेकिन जूते की चेकिंग नहीं होती है. इस वजह से ये लोग अपने जूते में स्मोक स्टिक लेकर गए थे.13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था, जब दो युवक सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा के दर्शक दीर्घा से फ्लोर पर कूद गए. उसी समय दो अन्य नीलम और अमोल शिंदे ने सदन के बाहर नारेबाजी की.

सीन रिक्रिएट कराने के लिए आरोपियों को जल्द संसद ले जा सकती है पुलिस

शुक्रवार को पुलिस आरोपियों को उन जगहों पर लेकर गई, जहां आरोपियों ने मिलकर संसद में घुसपैठ की साजिश रची थी.पुलिस संसद से भी इजाजत लेकर जल्द ही आरोपियों को संसद भवन ले जाकर सीन रिक्रिएट करा सकती है.पुलिस ने मामले में हिरासत में लिए गए महेश कुमवात को भी क्लीन चिट नहीं दी है.महेश पर आरोप है कि उसने मास्टरमाइंड ललित झा को भागने में मदद की थी.दिल्ली पुलिस जल्द ही ललित झा को राजस्थान के नागौर ले जाने की तैयारी कर रही है, जहां फरारी के दौरान ललित रुका था,साथ ही ललित को उस जगह भी ले जाया जाएगा, जहां उसने अपना और अन्य सभी आरोपियों के मोबाइल फोन तोड़े थे.बता दें कि गिरफ्तार सभी पांचों आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

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