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मोदी सरकार के 9 साल पुरे,साथ ही जाने 9 फैसले


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नई दिल्ली – भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता पर कब्जा जमाया। उसकी इस जीत में सरकारी योजनाओं और बड़े फैसलों की अहम भूमिका रही है। आइए, मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल के दौरान लिए गए 10 बड़े फैसलों के बारे में जानते।

बालाकोट की स्ट्राइक ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अपनी रक्षा के कोई समझौता नहीं कर सकता है, तो रूस-यूक्रेन युद्ध में अपनी विदेशी नीति से साफ कर दिया कि भारत किसी के दबाव में आने वाला नहीं है। इसके अलावा कोरोना जैसी महामारी के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था को उभारने के लिए अहम फैसले और देश के आंतरिक मुद्दों पर मोदी सरकार के अहम निर्णयों ने देश की छवि बदली है।

पीएम मोदी ने आठ नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी का एलान किया। उन्होंने घोषणा की, कि अब 500 और 1000 हजार रुपये के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। प्रधानमंत्री ने यह फैसला मुख्य रूप से कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए लिया था। हालांकि, इस फैसले की विपक्षी दलों ने काफी आलोचना की।

मोदी सरकार का नई संसद का कदम चर्चा में है, तो इसकी शुरुआत यहीं से कर लेते हैं। भारत को एक नई संसद मिलने वाली है। नई संसद पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा का एक अहम हिस्सा है। 10 दिसंबर 2020 को मोदी ने नए संसद भवन की नींव रखी थी, जिसे रिकॉर्ड समय में बनाकर तैयार किया जा चुका है। अब 28 अगस्त को मोदी खुद इसका उद्घाटन करेंगे। इसी क्रम में मोदी सरकार ने नई संसद के अंदर सेंगोल को स्थापित करने का फैसला लिया है। सेंगोल को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक बताया जा रहा है।

मोदी सरकार ने एक जुलाई 2017 को देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी को लागू किया। जीएसटी अप्रत्यक्ष कर है। माल और सेवा कर अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया। जीएसटी का मुख्य उद्देश्य देश में ‘एक टैक्स सिस्टम’ को लागू करना था।

मोदी सरकार के आने के बाद भारत में डिजिटल इंडिया की मुहिम शुरू हुई। नए दौर की जरूरतों को देखते हुए भारत में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया गया। मोदी सरकार की इसी मुहिम का असर है कि भारत ने डिजिटल पेमेंट में दुनिया के देशों को पछाड़ दिया है। भारत में UPI जैसा इनोवेटिव टूल बनने के बाद से देश में इतनी तेजी से डिजिटल लेन-देन किए गए हैं, जो काम दुनिया के अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे विकसित देश नहीं कर पाए वो भारत ने कर दिखाया। सरकार के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2022 में डिजिटल लेनदेन की राशि 1.5 ट्रिलियन (1, 21, 753 अरब रुपये ) वार्षिक आधार थी।

पीएम मोदी के सबसे बड़े फैसलों में सर्जिकल स्ट्राइक को शामिल करना जरूरी है। भारत सरकार ने 29 सितंबर 2016 को घोषणा की कि उसने पीओके में नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादी लॉन्चपैड को नष्ट कर दिया और बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए। भारत ने उरी हमले का बदला लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उरी हमले में 18 जवान बलिदान हो गए थे। सर्जिकल स्ट्राइक को उरी हमले के 10 दिन के अंदर अंजाम दिया गया।

मोदी सरकार के बड़े फैसलों की बात होती है तो जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 का खात्मा हर किसी के जहन में आता है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 का मुद्दा बरसों पुराना था, जिस पर किसी भी सरकार ने हाथ डालने की कोशिश नहीं की। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आर्टिकल 370 पर ऐतिहासिक फैसला लिया गया। मोदी सरकार 2.0 में संसद के जरिए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को उखाड़ फेंका गया। संसद के जरिए मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए।

नागरिकता संशोधन अधिनियम को 2019 में संसद में पास किया गया था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध) को भारत की नागरिकता देना है। यह कानून राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया। अल्पसंख्यकों में मुसलमानों को न शामिल करने को लेकर देशभर में आंदोलन शुरू हो गया। शाहीन बाग आंदोलन का मुख्य केंद्र रहा।

मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के मकसद से 2019 में मोदी सरकार एक बड़ा फैसला लेकर आई थी। महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए सरकार ने तीन तलाक को खत्म किया और इसके लिए एक अलग कानून लेकर आई। 1 अगस्त 2019 से देश में तीन तलाक लागू हुआ और तीन तलाक देना कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी आया।

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