x
बिजनेस

कम लागत में कुंदरू की खेती से पाएं लाखों का मुनाफा


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः बिहार में किसान अब बागवानी में रोज नया- नया प्रयोग कर रहे हैं. वे मार्केट की डिमांड के अनुसार हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इससे किसानों की कमाई बढ़ गई है. प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में ऐसे किसान हैं, जो सब्जी बेचकर बंपर कमाई कर रहे हैं. आज हम एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे, जो कुंदरू की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. उनसे अब दूसरे किसान भी खेती की बारीकी सीखते हैं.

पहले कुंदरू की खेती एशिया और अफ्रीका के कुछ ही देशों में होती थी लेकिन अब सभी देशों में अलग अलग नाम से इसकी खेती की जाने लगी है। आजकल लोग खेती में नए-नए पैतरे आजमा रहे हैं. कोई खेती में नवाचार कर रहा है तो कोई वही परंपरागत खेती कर रहा है. बिहार में मुजफ्फरपुर जिले एक किसान कुंदरू की खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं.ये साधारण-सी सब्जी बदल देगी आपकी किस्मत, कुंदरू की खेती से पाएं लाखों का मुनाफा, कुंदरू एक ऐसी सब्जी है जिसे एक बार लगाने के बाद इसकी बेल 4-5 साल तक फल देती है। इसके बेल करीब 3 से 5 मीटर तक लंबी होती है और यह झाड़ी के सहारे फैलती है।

बोचहां प्रखंड के अंतर्गत सरफुद्दीनपुर पंचायत स्थित चखेलाल गांव के प्रगतिशील किसान राजू कुमार चौधरी महज 1 एकड़ में कुंदरू की खेती कर सालाना 20 लाख रुपए से अधिक की आमदनी कर रहे हैं. राजू चौधरी की पहचान कुंदरू उत्पादक किसान के रूप में है. वे कुंदरू की खेती के लिए जाने जाते हैं. राजू ने बताया कि कुंदरू एक ऐसी सब्जी है, जो साल के 10 महीने तक फलता है. दिसंबर और जनवरी महीने को छोड़कर अन्य सभी महीने में कुंदरू का उत्पादन होता है. वहीं अन्य कई सब्जियों की तुलना में कुंदरू की खेती आसान है.

हम आपको बता दे की राजू ने कहा कि कम जमीन वाले किसानों के लिए भी कुंदरू एक अच्छा विकल्प है. यह एक नकदी फसल है और कुंदरी का किसान हर चार दिन में आय अर्जित कर सकता है। राजू ने बताया कि खेत में लगा कुंदरू का बीज अलग है. इस बीज का नाम एन-7 है. यह बीज विशेष तौर पर बंगाल से मंगाया गया है. इसकी खासियत यह है कि आम कुंदरू के बीजों की तुलना में इसका उत्पादन अधिक होता है और यह स्वाद में भी बेहतर होता है.इससे उन्हें साल में 25 लाख रुपये की आमदनी हो जाती है. खास बात ये है कि राजू कुमार चौधरी महज 1 एकड़ में कुंदरू की खेती करते हैं. उनकी माने, तो पारंपरिक फसलों के मुकाबले कुंदरू की खेती में कई गुना अधिक मुनाफा है.

किसान राजू के मुताबिक, कुंदरू एक तरह की नगदी फसल है. इसके खेती में लागत भी बहुत कम है. खास बात यह है कि राजू ने कुंदरू की एन-7 किस्म की खेती कर रखी है. इस बीज को उन्होंने बंगाल से मंगवाया था. एन-7 किस्म की खासियत है कि आम कुंदरू के मुकाबले इसका उत्पादन अधिक होता है. साथ ही खाने में इसका स्वाद में भी बेहतर होता है.अगर किसान भाई एक कट्ठे जमीन में भी कुंदरू की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं. एक कट्ठे जमीन में कुंदरू की खेती करने पर आप हर चौथे दिन एक क्विटल तक कुंदरू का उत्पादन ले सकते हैं. इस हिसाब से किसान साल में 70 से 80 क्विटल कुंदरू का प्रोडक्शन ले सकता है, जिससे 1.50 लाख रुपये की कमाई होगी. वहीं, राजू ने बताया कि वह एक एकड़ में कुंदरू की खेती कर सलाना 20 से 25 लाख रुपए कमा लेता है.

राजू ने बताया कि अपने यहां मिलने वाले ट्रेडिशनल बीज का उत्पादन उतना बेहतर नहीं है, लेकिन बंगाल का यह बीज बहुत ज्यादा कुंदरू की पैदावार कर रहा है. यदि कोई किसान कुंदरू की खेती करना चाहते है तो उन्हें बीज को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. कोई भी किसान सरफुद्दीनपुर पंचायत के चखेलाल गांव स्थित उनकी दुकान से बीज ले सकता है.राजू ने बताया कि कुंदरू लतरने वाली सब्जी है. इसलिए इसका स्टैंड बनाना एक अहम हिस्सा है. पके हुए बांस से स्टैंड बनाकर कुंदरू के बीज लगाए जा सकते हैं, जिसमें ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं होती, समय पर दवा का छिड़काव कर कुंदरू से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. किसान महज एक कट्ठा जमीन में कुंदरू की खेती कर सकते हैं.

कुंदरू लते वाली सब्जी की फसल है. इसलिए इसकी खेती बैंगन और आलू की तरह नहीं की जाती है. कुंदरू की खेती के लिए खेत में लकड़ी का स्टैंड बनाया जाता है, जिसके सहारे कुंदरू की लताएं फैलती हैं. वहीं, समय- समय पर कुंदरू की फसल के ऊपर कीटनाशकों का छिड़काव भी करते रहना चाहिए.

Back to top button