x
लाइफस्टाइल

किराये घर वालो को मिला है यह अधिकार,किराएदार के अधिकारों के बारे में


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – किराए के घर में रहना पड़ता है। कुछ लोग नौकरी की तलाश में दूसरे शहरों में आते हैं और किराए के मकान में काम करते हैं। लेकिन कई बार मकान मालिक मनमानी कर किराएदार की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। कभी किराएदारों से किराया बढ़ाने को कहते हैं तो कभी अचानक परिसर खाली करने को कहते हैं। ऐसे में किराएदारों को परेशान होना पड़ता है। किरायेदार परेशान हैं क्योंकि वे अपने अधिकारों को नहीं जानते हैं।

अगर मकान मालिक किराया बढ़ाना चाहता है तो उसे किराएदार को कम से कम तीन महीने का नोटिस देना होगा। किराया अचानक नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके अलावा किराएदार को मकान मालिक से बिजली कनेक्शन, पीने का साफ पानी, पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग करने का अधिकार है। कोई गृहस्वामी इसे मना नहीं कर सकता।

कानून कहता है कि मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किराएदार को परिसर खाली नहीं करा सकता। यदि किराएदार ने 2 महीने से किराया नहीं दिया है या उसके परिसर का उपयोग व्यावसायिक कार्य या किसी अन्य कार्य के लिए किया जा रहा है, जिसका उल्लेख समझौते में नहीं है, तो वे किरायेदार से परिसर खाली कर सकते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में भी मकान मालिक को किराएदार को 15 दिन का नोटिस देना होता है।

Back to top button