चैत्र नवरात्रि : जाने किस दिन से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि,कब करे मातारानी की पूजा
नई दिल्ली – चैत्र नवरात्रि का पारंपरिक हिंदू त्योहार नौ दिनों का त्योहार है जो इस साल 22 मार्च से शुरू होगा। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। नवरात्रि की देवी दुर्गा, शक्ति, या स्त्री ऊर्जा का प्रतीक हैं। देवी दुर्गा के जन्म के आसपास की पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी माँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) की क्षमताओं को जोड़ती हैं।
चैत्र नवरात्रि इस साल 22 मार्च 2023, बुधवार के दिन से प्रारंभ होकर 30 मार्च 2023, गुरुवार तक मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से शुरू होने वाली नवरात्रि के पहले दिन को हिंदू नववर्ष के रूप में भी जाना जाता है. मान्यता है कि नए साल की शुरुआत देवी दुर्गा के 09 स्वरूपों की 09 दिनों तक पूजा से शुरु करने पर पूरे साल सुख और सौभाग्य बना रहता है। आइए चैत्र नवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं नियम आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस वर्ष चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी। अगले दिन 22 मार्च 2023 को रात 8 बजकर 20 मिनट पर यह तिथि भी समाप्त हो जाएगी। वहीं उदय तिथि के अनुसार 22 मार्च 2023 से नवरात्रि का प्रारंभ होगा।22 मार्च को प्रतिपदा तिथि सुबह 8 बजकर 20 मिनट तक ही है। ऐसे में घट स्थापना यानी कलश स्थापना 8 बजे से पहले कर लेनी चाहिए। 22 मार्च को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से 07 बजकर 39 मिनट तक है।
शक्ति की 09 दिनों तक साधना-आराधना करने के लिए घर के ईशान कोण में कलश स्थापना करनी चाहिए। इसके लिए किसी नदी या सरोवर की पवित्र मिट्टी लेकर गंगाजल की मदद से एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इसके बाद उस पात्र में थोड़ा अक्षत डालकर उसके ऊपर कलश स्थापित करें और उसमें एक सिक्का, सुपारी और गंगाजल डालें। इसके बाद कलश के ऊपर लाल चुनरी में लपेटा हुआ नारियल अशोक या आम के पत्तों को दबाते हुए रखें. माता की पूजा करे।