कोरोना के बाद अब सीजनल इंफ्लुएंजा ने बढ़ा दी WHO की टेंशन,जानें लक्षण और ट्रीटमेंट
नई दिल्लीः देश में एक बार फिर कोरोना ने ही नहीं बल्कि कोरोना जैसी ही एक और बीमारी ने मुश्किल पैदा कर दी है. कोविड के लक्षणों वाली इस बीमारी के सैकड़ों मरीज रोजाना अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. खास बात है कि इसके लक्षण भी कोरोना से मिलते जुलते हैं. इसमें मरीज को तेज बुखार आता है, गले में दर्द, सर दर्द, बदन दर्द और खांसी-जुकाम होता है.स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कोविड जैसी इस बीमारी के ठीक होने की समय सीमा 3 से 5 दिन है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के मामलों में यह समय 8 दिन तक भी बढ़ रहा है. 3 से 8 दिनों के बीच बुखार तो ठीक हो जाता है लेकिन खांसी और जुकाम को जाने में दो हफ्ते से भी ज्यादा का समय लग रहा है.
सीजनल इंफ्लुएंजा
कोरोना के साथ ही अब एक और वायरस का कहर देखने को मिल रहा है, जिसने WHO की चिंता बढ़ा दी है. यह एक रेयर वारयस है, जो काफी खतरनाक बताया जा रहा है. दरअसल, अर्जेंटीना के अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम नेशनल फोकल पॉइंट ने WHO को वेस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस इंफेक्शन के एक ह्यूमन मामले के बारे में बताया है। दो दशकों के बाद ये पहला ह्यूमन मामला रिपोर्ट किया गया है. अर्जेंटीना में आखिरी बार WEE के ह्यूमन केस 1982, 1983 और 1996 में सामने आए थे. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये रेयर वायरस और कितना खतरनाक है.आपको बता दें कि परिवार में एक को होने के बाद उसके संपर्क में आए सभी लोगों को तेजी से संक्रमित कर रही यह बीमारी वायरल फीवर या सीजनल फ्लू है. सर्दी बढ़ते ही एनसीआर ही नहीं बल्कि कई राज्यों में इस बीमारी के रोगियों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है.
सी केटेगिरी होने पर मरीज की हालत हो सकती है गंभीर
इन्फ्लुएंजा ए और बी में खतरा नहीं डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि 2009 में स्वाइन फ्लू आया था। उस समय कुछ मरीजों की मौत भी हुई थीं। इसके बाद इस बीमारी को सरकार ने तीन, चार साल तक फॉलो किया। इसके बाद इसमें मौत कम होने लगीं। इसके बाद इसको सीजनल इन्फ्लुएंजा की श्रेणी में डाल दिया गया। इन्फ्लुएंजा के ए, बी और सी केटेगिरी में ए और बी खतरनाक नहीं होता है। सी केटेगिरी होने पर मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। हालांकि किसी भी बीमारी से पहले जांच जरूरी होती है।
सीजनल फ्लू के लक्षण
कोरोना की तरह यह बीमारी भी संपर्क में आने से फैल रही है। फैमिली में अगर किसी एक सदस्य को यह हो रहा है तो घर में रहने वाले सभी लोगों को यह अपनी चपेट में ले ले रहा है जो उसके संपर्क में हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण-
तेज बुखार
सिर दर्द
खांसी
जुकाम, गले में खराश
ठंड लगना
बदन दर्द
थकान और कमजोरी
जी मिचलाना
निमोनिया
सांस की समस्या
बचाव के लिए करें ये काम
एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि इन्फ्लूएंजा फ्लू हो या कोरोना वायरस इन सभी से बचाव का एक ही रास्ता है. ये सभी संक्रामक हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं. इस समय वायरल फीवर के मरीज बहुत आ रहे हैं. इसलिए हमेशा सावधानी बरतें. अगर घर में किसी को वायरल फीवर हुआ है तो उससे दूरी बनाकर रखें. उसके पास जाएं तो मास्क पहनें, साबुन पानी से हाथों को बार-बार धोते रहें. बाहर निकलें तो भी मास्क पहनें. खान-पान का भी ध्यान रखें. पानी ज्यादा पीएं. सर्दी का मौसम है इसलिए ठंड से बचें लेकिन घर में थोड़ा वेंटिलेशन भी रखें.
हालांकि एक्सपर्ट की मानें तो इससे डरने की जरूरत नहीं हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के बताए दवा का सेवन करें। यह 3-5 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन इस बीमारी से बचने के कुछ उपाय हम बता रहे हैं
- किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें
- मरीज के इस्तेमाल की हुई चीजों को यूज ना करें
- मरीज को आइसोलेट कर दें।
- डॉक्टर से संपर्क करें और वक्त पर दवा दें।
डरे नहीं, घातक नहीं है सीजनल इन्फ्लुएंजा
स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह क्लियर किया कि स्वाइन फ्लू वायरस अब सीजनल इन्फ्लुएंजा यानी मौसमी जुकाम बुखार है। अधिकतर मरीजों में यह मामूली जुकाम-बुखार की तरह ही होता है। लक्षण बढ़ने पर डॉक्टरी परामर्श के बाद ही दवा लेनी चाहिए।