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विश्व

तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग

नई दिल्ली : चीन के सबसे बड़े नेता माओ त्से तुंग (Mao Zedong) के बराबर कर दिया गया है और इसी के साथ राष्ट्रपति पद पर उनके तीसरे कार्यकाल का रास्ता भी खुल गया है यानी अब शी जिनपिंग चीन में सर्वशक्तिशाली बन जाएंगे.

अक्टूबर से ही 69-वर्षीय चिनफिंग को अपनी ज़ीरो-कोविड पॉलिसी लागू करने और फिर उसे खत्म कर देने के बाद अनगिनत लोगों की मौत होने को लेकर व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा है.हालांकि नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) की इस हफ्ते हुई बैठक में इन मुद्दों से बचा गया, और इसी बैठक में चिनफिंग के करीबी कहे जाने वाले ली कियांग को नया प्रीमियर भी नियुक्त किया जाना है.

चीन के 100 वर्षों के कम्युनिस्ट इतिहास में माओ त्से तुंग अकेले ऐसे नेता हैं, जो आजीवन चीन के राष्ट्रपति रहे. उनके पास इतने विशेष अधिकार और शक्तियां थीं कि उनके गलत फैसलों और नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत भी किसी में नहीं थी. वो खुद ही जनता थे, खुद ही सरकार थे और खुद ही पूरा देश थे. और यही वजह है कि शी जिनपिंग भी इसी तरह शासन करने के लिए खुद को माओ त्से तुंग की तरह स्थापित करना चाहते हैं. और ऐसा तभी हो सकता है, जब वो भी चीन के आजीवन राष्ट्रपति बन जाए.

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