बचपन से ही इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे अभिषेक बच्चन, जानें लक्षण
मुंबई – अभिषेक बच्चन उन स्टार्स में से हैं जो कभी-कभी परदे पर आते हैं लेकिन जब भी आते हैं कोई न कोई धमाकेदार मूवी ही देकर जाते हैं. अभिषेक बच्चन स्टार किड में फेमस हैं. जो अपने स्टार पेरेंट्स की पहचान से निकलकर अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हुए हैं. अभिषेक ने अपने फिल्मी करियर में भी काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं , आए दिन सोशल मीडिया पर भी वो बहुत समझदारी से यूज़र्स के कमेंट का जवाब भी देते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि वो बहुत ही शांत तरीके से रील और रियल लाइफ में चीज़ों को हैंडल करते हैं. अभिषेक बच्चन ने एक ऐसा समय बचपन में भी देखा था.
अभिषेक बच्चन अपने स्कूल के शुरुआती दिनों में ‘डिसलेक्सिया’ नाम की मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे। बता दें कि इस बीमारी से जूझने वाले बच्चों को किसी भी चीज में ध्यान लगाने में दिक्कत होती है। हालांकि वो बेहद क्रिएटिव होते हैं लेकिन बंध कर या किताबों के माध्यम से पढ़ने में उन्हें मुश्किल आती है। यह एक एक विशिष्ट प्रकार का लर्निंग डिसऑर्डर है जो पढ़ने, लिखने और खराब राइटिंग की समस्याओं का कारण बनता है। इसके बाद उन्हें यूरोपियन स्कूल भेज दिया गया था, ताकि उन्हें एक आरामदायक माहौल में मिल पाए, इस बात की जानकारी खुद अभिषेक ने एक इंटरव्यू में दी थी,आमिर खान की फिल्म ‘तारे जमीं पर’ के एक हिस्से में भी अभिषेक बच्चन की इस बीमारी का जिक्र है।
डिस्लेक्सिया के लक्षण
- इस बीमारी में बच्चे बहुत धीमी गति से पढ़ना और लिखना शुरू करते हैं.
- अक्षरों को कम समझते हैं.
- बोलने में आत्म-विश्वास की कमी होती है
- b को d और c को see लिखने की गलती करना
- लिखी हुई बात को समझने में परेशानी, है अगर को उन्हें कोई बोल कर कुछ बताये
तो वो तुरंत समज लेते हैं. - पढ़ने, लिखने या बोलने की जगह पेंटिंग, कुकिंग जैसी क्रिएटिव स्किल होना
इस बीमारी का इलाज
- वीडियो या बोलकर पढ़ाई करने की सुविधा देना
- अपनी परेशानी बताने के लिए बच्चे को प्रेरित करें.
- उन्हें शब्दों के अक्षरों के बारे में धीरे-धीरे बताते रहे.
- उनकी क्रिएटिव स्किल को बढ़ाएं, इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा.
- बच्चों को ध्यान रहे की डाटें नहीं. उन्हें प्यार से बैठा कर समझाएं और उनकी मदद
करें.