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लाइफस्टाइल

वजन कम करना चाहते हैं तो डाइट में शामिल करें ये ब्रेड

नई दिल्लीः नाश्ते में ब्रेड खाना पंसद है पर वजन बढ़ जाने के डर से नहीं का पाते है। तो आज हम आपको कई तरह के ब्रेड के प्रकारों के बारे में बता रहे है जिनका सेवन भी कर सकते है और वजन बढ़ने का खतरा भी नहीं रहेगा। आप राई ब्रेड, होल ग्रेन ब्रेड आदि का सेवन करे। ये व्हाइट ब्रेड की तुलना में बेहतर होते है। इसमें कैलोरी को नियंत्रण में रखने वाले पोषक तत्व होते है।नाश्ते में आप प्रत्येक दिन व्हाइट ब्रेड खाते होंगे, लेकिन व्हाइट ब्रेड सेहत के लिए उतना हेल्दी नहीं होता. खासकर, जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें ब्रेड खाने में खास सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो ये सोचते हैं कि ब्रेड खाने से वजन बढ़ सकता है. उन्हें लगता है कि ब्रेड में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है. लेकिन, ऐसा नहीं है. कुछ ब्रेड ऐसे भी होते हैं, जो ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं, बल्कि वजन भी घटाते हैं. इनका सेवन नाश्ते में आप जरूर करें. हम आपको बता रहे हैं, ऐसे तीन तरह के ब्रेड के बारे में जो हेल्दी, टेस्टी होने के साथ ही तेजी से वजन कम करने में भी मदद करते हैं.

राई ब्रेड

राई ब्रेड 100 फीसदी अनाजमुक्त होती है। इसे ग्लूटन सेंसटीविटी वाले भी खा सकते है। व्हाइट ब्रेड की तुलना में इसमें फाइबर की मात्रा चार गुना होती है और केवल 20 फीसदी कैलोरी होती है। अतिरिक्त फाइबर ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम रखता है। राई से बनी ब्रेड आपके शरीर मे कार्बोहाइड्रेट की जरूरत को पूरी कर देता है। और कैलोरी को भी निंयत्रण में रखता है।

होल ग्रेन ब्रेड

होल ग्रेन से तैयार की जाने वाली ब्राउन ब्रेड में वाइट ब्रेड से अधिक पोषण होता है। उसनें उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही, ब्राउन ब्रेड में विटामिन बी-6, विटामिन ई, मैग्नीशियम, फॉलिक एसिड, ज़िंक, क़ॉपर और मैगनीज़ शामिल होता है। ब्राउन ब्रेड में वाइट ब्रेड की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।होल ग्रेन ब्रेड पूरी तरह से साबुत अनाज से बनी होती है, जिससे यह और भी अधिक पौष्टिक तत्वों से भरपूर हो जाता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि भोजन करने के बाद ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है. साबुत अनाज की ब्रेड में राई, जौ, जई, क्विनोआ, अमरंथ, बाजरा आदि शामिल होते हैं. इन अनाजों से बनी ब्रेड ना सिर्फ स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, बल्कि विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स आदि से भरपूर होते हैं. यदि आप सफेद ब्रेड खाते हैं, तो इसे खाना छोड़ दें और होल ग्रेन ब्रेड का सेवन करें, क्योंकि ये वजन घटाने के लिए बेहतर विकल्प है. इस तरह के ब्रेड में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो आंतों को भी स्वस्थ रखती है. कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के होने के रिस्क को भी कम करती है. इसे खरीदते समय पैकेट पर सामग्री के बारे में अच्छी तरह से पढ़ लें कि इसमें साबुत अनाज का 100 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ है या नहीं.

फ्लैक्सीड ब्रेड

फ्लैक्सीड ब्रेड  में सीलेनियम, पोटाशियम और मैंगनीज होता है जो अपने आप में पूर्ण आहार होता है।  फ्लैक्सीड ब्रेड में उच्च स्तर का फाइबर और आवश्यक फैटी एसिड होता है। उच्च फाइबर ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम रखता है और फैटी एसिड शरीर की कैलोरीज को संतुलित करने में मदद करता है। ये शरीर की कैलोरी को जलाकर वसा की जगह ऊर्जा में बदल देता है।

ओट्स ब्रेड

ओट्स में बहुत अच्छी मात्रा में ओमेगा 3, फैटी एसिड, फोलेट, और पोटेशियम पाया जाता है।ओट ब्रेड में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। ओट्स में जरूरी ग्लूटन फ्री फैटी एसिड होते है और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है। ओट्स ब्रेड आपके पेट को भरा भरा सा रखती है, इससे आपको भूख कम लगती है। तो आप वेज सैंडविच में ओट्स ब्रेड का सेवन कर सकते है।

होल व्हीट ब्रेड करे वेट लॉस में मदद

टीओआई में छपी एक खबर के अनुसार, इसे होल व्हीट ब्रेड या फिर ब्राउन ब्रेड भी कहा जाता है. इस ब्रेड को गेहूं से तैयार किया जाता है, जो मैदे वाली सफेद ब्रेड की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है. मैदे वाले ब्रेड में पोषक तत्व की मात्रा होल व्हीट ब्रेड की तुलना में काफी कम होती है. साथ ही यह वजन कम करने की बजाय बढ़ाता है. होल व्हीट ब्रेड दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है. टाइप-2 डायबिटीज के होने के जोखिम को कम करता है. चूंकि, इस ब्रेड में चोकर, जर्म सभी मौजूद होते हैं, इसलिए ये सफेद या मैदे से बने ब्रेड से काफी हेल्दी होता है. होल व्हीट ब्रेड में फाइबर भी अधिक होता है, जो पेट को देर तक भरे होने का अहसास कराता है, इस तरह से आप जल्दी-जल्दी खाने से बच जाते हैं. इसमें विटामिन और मिनरल्स भी अधिक होते हैं.

खमीरी ब्रेड खाएं वजन करें कम

इस ब्रेड को पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है. इसे पानी और आटे को धीरे-धीरे फर्मेंट करके बनाई जाती है. फर्मेंटेशन प्रक्रिया आटे में मौजूद कुछ स्टार्च को तोड़ देती है, जिससे ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है. साथ ही नेचुरल प्रोबायोटिक्स भी इसमें बढ़ जाता है. इस तरह के ब्रेड के सेवन से आंत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं. सूजन और एलर्जी होने की संभावनाओं को कम करते हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. यदि आप वजन कम करने के लिए खमीरी ब्रेड का सेवन करेंगे, तो असर जल्दी होगा.

स्प्राउटेड ब्रेड खाकर करें वेट लॉस

इस तरह के ब्रेड में मैदा नहीं होता है. दरअसल, ये कई तरह के अनाज, बींस, बीजों को पानी में अंकुरित किए जाने के बाद बनाई जाती है. फिर इन्हें आटे में मिलाते हैं और फिर ब्रेड की तरह सेंका जाता है. इससे ब्रेड में मौजूद ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है. इससे अन्य अनाज से तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट्स की तुलना में स्प्राउटेड ब्रेड ब्लड शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़न

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